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Miss branded food items- ऊंची दुकान में फीके पकवान

locationजबलपुरPublished: Nov 16, 2019 06:31:00 pm

Submitted by:

shyam bihari

यहां धड़ल्ले से बेचे रही है मिस ब्रांडेड खाद्य सामग्री
Miss branded food items are being sold here indiscriminately

sandwich food items are getting famous in jodhpur

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जबलपुर। कोई भी शहर हो, वहां की कुछ दुकानों के बड़े नाम होते हैं। जबलपुर शहर में भी तमाम बड़े नाम वाली दुकानें हैं। लेकिन, बहुत सी दुकानें ऐसी हैं, जहां चमक-दमक खूब दिखेगी। जबकि, अंदर मिस ब्रांडेड खाद्य सामग्री पर रंग-रोगन करने ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। यहां के कुछ कैफे में मिसब्रांडेड खाद्य सामग्रियों से तैयार पेय और भोज्य पदार्थों को ऊंची कीमत पर बेचना आम बात हो गई है। इसका खुलासा समय-समय पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से होने वाली जांच में होता है। हालांकि, तमाम शिकायतों के बाद भी जो दुकानदार बदनाम हैं, वे सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं, ईमानदार दुकानदारों को कहना है कि कुछ लोगों के चलते पूरे बाजार की इमेज खराब होती है। इसलिए इन लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अभी एक नामी फूड चेन के चाय प्रतिष्ठान में छापेमारी की गई, तो वहां तमाम अनियमितताएं मिली। चाय में इस्तेमाल की जा रहीं पत्तियां मिस ब्रांडेड थीं। इनके पैकेट पर न तो निर्माण की तारीख थी और न मैन्चुफैक्चरिंग की। निर्माता का नाम भी नहीं था। ब्रेड भी मिसब्रांडेड उपयोग की जा रही थी।
जबलपुर शहर में आमतौर पर इंदौर से सामान मंगाए जाते हैं। यहां मंगवाई गई चाय पत्तियां प्लेन पैकेट में रखी थीं। ग्राहकों को परोसने के लिए रखी गई खाद्य सामग्रियों की स्टोरिंग बेहद खराब थी। टूटे-बिखरे चाय के कुल्हड़ के पास ही खुले में सब्जियां रखी थीं। कॉफी पाउडर के पैकेट चूहों ने कुतर दिए थे। नूडल्स, सैंडविच में इस्तेमाल में किया जा रहा ऑर्गनो मिओनी एवं पिज्जा सॉस की गुणवत्ता संदिग्ध मिली। चाय, पिज्जा, सॉस के नमूने जांच के लिए जब्त किए हैं।
फूड सेफ्टी टीम ने स्वीट्स एवं बेकर्स के प्रतिष्ठान की जांच की, तो चौंक जाना पड़ा। वहां की मलाई बर्फी एवं नमकीन की गुणवत्ता संदिग्ध थी। मिलावट की आशंका पर नमूना जांच के लिए लिया गया। जानकारों के अनुसार खाद्य पदार्थों में मिलावट होने से बीमारियों का खतरा रहता है। वहीं, मिस ब्रांडेड से ग्राहकों को दोहरा नुकसान होता है। एक तरफ ब्रांड के नाम पर पैसे तो उनसे ज्यादा लिए जाते हैं। लेकिन, बदले में घटिया सामग्री मिलती है। लोग ब्रांडेड के नाम पर किसी भी चीज पर भरोसा करके ठगे जाते हैं। आम लोगों का कहना है कि मिलावटखोरी बड़ी समस्या है। इस पर नकेल कसी जानी चाहिए।

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