जानकारी के मुताबिक शांतिनगर गोसलपुर निवासी सूरज काछी ने रिश्तेदार की बेटी प्रिया काछी (12) को 11 साल पहले गोद लिया था। मौसी से मां बनी सुनीता के मुताबिक 6 मई की शाम 4 बजे प्रिया घर से अचानक लापता हो गई। 3 घंटे तक परिजन उसे कॉलोनी में ढूंढ़ते रहे, लेकिन पता नहीं चल पाया। 7 बजे पिता सूरज गोसलपुर थाने पहुंचा और अपहरण का प्रकरण दर्ज कराया। हैरानी की बात ये थी कि प्रिया को घर से या गांव से निकलते हुए 1200 की आबादी वाले गांव में किसी ने नहीं देखा।
से 6 मई की शाम 4 बजे सूरज व सुनीता की लाड़ली गायब हो गई थी। उसके लापता होने की सूचना गोसलपुर थाने को दे कर अपहरण का केस दर्ज कराया गया था। लापता बेटी प्रिया को तलाशन में लिए क्राइम ब्रांच और सायबर सेल की टीम भी लगी थी। अब वह मिल गई है।
जीआरपी टीआई सुनील नेमा बताते हैं कि प्रिया के गायब होने की तस्वीर ग्रुप में मिली थी। उसीकी हुलिया से मिलती-जुलती बालिका बुधवार रात को जबलपुर मुख्य स्टेशन पर घूमती हुई मिली। संदेह होने पर उसे थाने लाकर पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम प्रिया काछी बताया। रात अधिक होने की वजह से प्रिया को तत्काल बाल निकेतन भेज दिया गया। जीआरपी टीआई ने इसकी सूचना जबलपुर के पुलिस अधिकारियों और गोसलपुर टीआई को दी। गोसलपुर टीआई संजय भलावी ने बताया कि 11 बजे प्रिया को बाल निकेतन से ले जाएंगे, तब पता चलेगा कि वह कैसे गायब हो गई और 33 दिनों तक कहां रही।
बताया जाता है कि शांतिनगर गोसलपुर निवासी सूरज काछी ने अपने साढू की बेटी प्रिया काछी (12) को 11 साल पहले गोद लिया था। ऐसे में सूरज की पत्नी सुनीता जो रिश्ते में प्रिया की मौसी लगती थी वह तब सुनीता के मां बनने का सपना साकार हो सका था।
महीने भर से भी ज्यादा वक्त से लापता बेटी का पता चलने के बाद सूरज और सुनीता दोनों के ही खुशी से आंसू छलक गए। वो बेटी जिसकी तलाश में उन्होंने क्या कुछ नही किया। सबसे ज्यादा खुश तो सुनीता है। भगवान ने उसकी फरियाद सुन ली है। बस कुछ ही देर में सूरज और सुनीता को उसकी लाड़ली मिल जाएगी।
पहुंची तो उसने घरवालों को भी इसके बारे में अवगत कराया। सुबह 11 बजे गोसलपुर पुलिस परिजनों की मौजूदगी में प्रिया को बाल निकेतन से ले जाएगी।