उपभोक्ता फोरम ने मोबाइल कंपनी व इनफोकस इनोकॉम को अनुचित व्यापार प्रथा में लिप्त पाया
जबलपुर। एक उपभोक्ता को खराब हैंडसेट देने की गलती की मोबाइल कंपनी को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस कंपनी ने उपभोक्ता को एक वर्ष की वारंटी के साथ मोबाइल बेचा था। लेकिन वह एक माह के अंदर ही बिगड़ गया। इस पर कई चक् कर काटने के बाद भी उपभोक्ता के मोबाइल को कंपनी नहीं सुधारा। इस मामले में जिला उपभोक्ता फ ोरम ने वारंटी पीरियड में मोबाइल फोन बिगडऩे के मामलों पर सख्ती दिखाई है। फ ोरम अध्यक्ष सुनील कुमार व सदस्य योगेश अग्रवाल की कोर्ट ने मोबाइल निर्माता कंपनी जियोनी, स्थानीय विक्रेता व उसके एमआई सर्विस सेंटर को इसके लिए दोषी ठहराया है। एक परिवाद पर फैसला देते हुए फोरम ने तीनों अनावेदकों को आदेश दिया है कि वे उपभोक्ता को एक माह में मोबाइल की कीमत लौटाएं। इसके अलावा मानसिक प्रताडऩा व वाद व्यय के लिए भी ६ हजार रुपए अदा करने को कहा गया है।
यह है मामलासदर बाजार, केंट जबलपुर निवासी सितांशु पुंज ने यह परिवाद दायर किया था। इसमें कहा गया कि 3 अक्टूबर 2016 को उन्होने सदर के श्रेयांस रिटेल प्रालि से 9899 रुपए में जियोनी कंपनी का एमआई मोबाइल सेट खरीदा। इसकी एक साल की वारंटी दी गई। लेकिन यह बीच में ही खराब हो गया। विक्रेता से इसे सुधार कर देने को कहा गया। इस पर वे एमआई सेंटर गए, लेकिन यहां भी उनका सेट नहीं सुधारा जा सका।
मोबाइल की कीमत के साथ ब्याज अदा करने के निर्देश परिवादी की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार जैन ने कोर्ट को बताया कि यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के तहत अनुचित व्यापार प्रथा का अपराध है। कोर्ट ने उनके तर्कों से सहमति जताते हुए अनावेदकों को दोषी पाया। कोर्ट ने अनावेदकों को आदेश दिए कि वे संयुक्त रुप से या अलग-अलग परिवादी को मोबाइल की कीमत १० फीसदी ब्याज के साथ एक माह में अदा करें। इसी तरह के एक प्रकरण में फोरम ने वीवो मोबाइल कंपनी व
इनफोकस इनोकॉम को अनुचित व्यापार प्रथा में लिप्त पाया। परिवादी आशीष कुमार ने परिवाद में कहा था कि सुधार कर देने की बजाय सर्विस संेंटर में उसके मोबाइल को रख लिया और वापस भी नहीं दिया।