जबलपुर। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को शहर में मजाक बना दिया गया है। मोदी सरकार के आने के बाद से देश भर में साफ-सफाई को लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। स्वच्छता के लिए विशेष मिशन चलाया जा रहा है। लेकिन 75 करोड़ रुपए के कचरा कलेक्शन के ठेके के बावजूद शहर में चारों तरफ गंदगी का ढेर लगा है। कचरा कंपनी पर शिकंजा कसने में पूरी तरह नाकाम निगम पीएम के स्व’छता मिशन को भी सेंध लगाने में जुटा है। 15 सितम्बर से दो अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता पखवाड़ों अब तक सफाई की गम्भीरता की जगह शो-बाजी व फोटो सेशन पर ही फोकस है। मोदी सरकार का संदेश देने के लिए जनप्रतिनिधि सफाई के नाम पर सिर्फ साफ-सुथरे श्वेत धवल वस्त्रों पहनकर हाथों में नई नवेली झाड़ू पहनकर फोटो खिंचवा रहे है।
11 माह बाद भी 50 फीसदी घरों का कचरा नहीं उठा शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व परिवहन व्यवस्था के लिए 75 करोड़ रुपए सालाना की दर से एस्सल कंपनी को ठेका दिया गया है। लेकिन ठेका कंपनी के कामकाज शुरू करने के 11 माह बाद भी सफाई व्यवस्था के हालात जस के तस है। कचरा कलेक्शन का ठेका लेने वाली एस्सल कंपनी अब तक शत-प्रतिशत घरों में दस्तक नहीं दे पाई है। 50 प्रतिशत घरों से भी कचरा नहीं उठाया जा रहा। कचरा कंपनी को दो अक्टूबर तक की मोहलत दिए जाने के बावजूद स्थिति जस की तस है।
स्वच्छता पखवाड़ा के ये हाल15 सितम्बर- मदन महल किले में निगम ने एक हजार लोगों को लेकर सफाई अभियान चलाया। 30 किलो कचरा भी नहीं हुआ एकत्र।
16 सितम्बर- कहीं सफाई अभियान नहीं चलाया गया। निगम में सिर्फ बैठक का किया गया आयोजन।
17 सितम्बर- ग्वारीघाट नर्मदा तट व आस-पास के इलाकों में सफाई अभियान चला। खानापूर्ति अधिक हुई। जनप्रतिनिधियों का झाड़ू थामकर फोटो सेशन।
18 सितम्बर- जवाहरगंज में दुकानदार-व्यापारियों को 150 डस्टबिन का किया वितरण।
19 सितम्बर- कृषि उपजमंडी में दुकानदारों व व्यापारियों के साथ सफाई की शो-बाजी।
हड़ताल खत्म फिर भी नहीं बजी सीटी उधार का डीजल देने से पेट्रोल पम्प के इनकार व कर्मियों का भुगतान न किए जाने से चार दिन से हड़ताल कर रहा कचरा कंपनी का अमला मंगलवार को काम पर लौट आया। चार दिन बाद आधे शहर में लोगों को ट्रिपर नजर आए। हालांकि, इसके बाद भी वार्डों की हर गली, हर सड़क पर दस्तक नहीं दी गई। मंगलवार को शहर में केवल 42 प्रतिशत घरों से ही कचरा कलेक्शन हो पाया।
स्मार्ट सिटी एरिया में कचरे के ढेरस्मार्ट सिटी बनाने के लिए पहले चरण में चुने गए चार वार्ड में भी कचरा कलेक्शन शत-प्रतिशत नहीं हो रहा है। इससे स्मार्ट सिटी एरिया में भी जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। जिस वार्ड में महापौर स्वाति गोडबोले रहती हैं, वहां भी कुछ क्षेत्र में एक महीने से ट्रिपर नहीं पहुंंचा। लोगों का कहना है कि निगम के कर्मी कचरा ले जाने के नाम पर पैसे मांगते हैं। कचरा कंपनी की मनमानी से त्यौहार में सफाई व्यवस्था डगमगाई हुई है। नवरात्र शुरू होने वाले हैं। आगामी दिनों में मोहर्रम, दशहरा पर्व है। एेसे में लोग चार-चार दिन से कचरा ट्रिपर का इंतजार कर रहे हैं।
कचरा ढोने के लिए निगम वाहन भी लगाएनगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी जीएस चंदेल के अनुसार डोर टू डोर अमले की हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई। कंपनी को सख्त हिदायत दी गई है। व्यवस्था दुरुस्त करने सीएसआई की मांग पर कई वार्ड में मंगलवार को रिक्शे भी पहुंचाए गए। कचरा परिवहन में भी निगम के वाहन लगाए गए हैं।
कचरा कलेक्शन में कोई सुधार नहीं नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर के अनुसार सदन ने दो अक्टूबर तक की मोहलत कचरा कंपनी को दी है। आसंदी ने इसके बाद भी व्यवस्था दुरुस्त न होने पर कचरा कंपनी के सारे संसाधन जब्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में कोई सुधार नहीं आया है।