जागरूक करने कई जतन
शहर वासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने निगम कई आयोजन कर रहा है। महापौर, एमआईसी मेंबर, सभी पार्षद भी आयोजनों में भाग ले रहे। वार्डों में लोगों को डस्टबिन बांटने में भी एमआईसी मेंबर, पार्षद जुटे हैं। इससे पहले स्वच्छता एप डाउनलोड करने व्यापक अभियान चलाया गया। इस अभियान में पार्षद, एमआईसी मेंबर भी शामिल हुए, लेकिन खुद को एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित नहीं कर पाए। १० में से आधे एमआईसी मेंबरों और ७९ में करीब ३० फीसदी पार्षदों ने अब तक स्वच्छता एप डाउनलोड नहीं किया है। डाउनलोड करने वालों में अधिकतर ने कभी इस्तेमाल नहीं किया।
चेतावनी भी रही बेअसर
नगर निगम प्रशासन ने निगम के हर अधिकारी-कर्मचारी के लिए स्वच्छता एप डाउनलोड करना अनिवार्य किया था। इसके लिए लिखित में आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद निगम के २६ सौ में से केवल ६०० कर्मचारियों-अधिकारियों ने ही स्वच्छता एप डाउनलोड किया। इतना ही नहीं नगर निगम के जबलपुर ३११ एप को लेकर भी निगम के कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं। उनके द्वारा लोगों को इसके इस्तेमाल के प्रति जागरूक करने के निर्देशों के बाद भी प्रयास नहीं किए जा रहे।
आरोपों में मगन विपक्ष
शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए सभी की सहभागिता अनिवार्य है। सभी के प्रयासों से ही शहर को नंबर वन बनाया जा सकता है। निगम के स्वच्छता अभियान से विपक्ष दूरी बनाए हुए है। नेता प्रतिपक्ष और कांगे्रस पार्षद दल स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने की बजाय स्वच्छता में मनमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाने में मगन है। नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर का कहना है कि शहर नंबर वन बने यह कांग्रेस पार्षद दल भी चाहता है, लेकिन जबलपुर में स्वच्छ भारत नहीं भ्रष्ट भारत मिशन का काम चल रहा है।
शहर को नंबर वन सबके प्रयासों, सहभागिता से ही बनाया जा सकता है। सब मिलजुलकर प्रयास करेंगे, तभी शहर नंबर वन बन पाएगा। पार्षदों, एमआईसी मेंबरों को भी इसे लेकर गंभीर प्रयास करना होंगे।
– स्वाति गोडबोले, महापौर