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मोखा का राजदार गिरफ्तार, वह भी बेचना चाहता था 65 नकली रेमडेसिविर

locationजबलपुरPublished: May 24, 2021 02:47:53 pm

Submitted by:

Lalit kostha

पुलिस ने कराया रीक्रिएशन, कार और दो मोबाइल फोन जब्तराजदार को लेकर स्कूटी से तिलवारा गया, वहां से नर्मदा में फेंके नकली रेमडेसिविर

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mokha’s mobile caught from manager sonia house

जबलपुर। गुजरात से आए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने के आरोपी सरबजीत सिंह मोखा के खास राजदार गोरखपुर चन्द्रिका परिसर निवासी राकेश शर्मा को एसआइटी ने रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। सिटी अस्पताल आए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप में से राकेश ने भी 65 इंजेक्शन अपने लिए निकाल लिए थे। वह सपन के जरिए इन इंजेक्शन को बाजार में अधिक कीमत में बेचकर मुनाफा कमाना चाहता था। जैसे ही गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री पकडऩे की भनक राकेश और सपन को लगी, राकेश ने अपने पास मौजूद 65 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। छह मई को राकेश ने सपन की स्कूटी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ सपन को बिठाकर तिलवारा पहुंचा। शाम छह से सात बजे के बीच दोनों ने मिलकर तिलवारा ब्रिज से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन नर्मदा में फेंक दिए थे। इसका खुलासा होने के बाद रविवार को एसआइटी की टीम राकेश को लेकर तिलवारा पहुंची और घटना का रिक्रिएशन किया।

जांच के बाद सामने आया नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का गणित
एसआइटी की पूछताछ में बार-बार यह तथ्य आ रहे थे कि इंदौर से 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप जबलपुर के सिटी अस्पताल पहुंची। इसमें से 35 इंजेक्शन पहले ही सपन ने रख लिए थे। राकेश के पकड़े जाने के बाद यह खुलासा हुआ कि उसने भी 65 इंजेक्शन निकाले थे। जिसके बाद सिटी अस्पताल में 400 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन पहुंचे, जिसमें से 200 से अधिक नकली रेमडेसिविर इजेक्शन मरीजों को लगा दिए गए और लगभग 200 इंजेक्शनों को मोखा उसकी पत्नी जसमीत और सोनिया ने नष्ट किया। नष्ट किए गए इंजेक्शनों में से 190 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की शिशियां पुलिस आरोपियों की निशानदेही पर जब्त कर चुकी है।

 

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नौकरी की धमकी देकर कराया मॉडीफाई
एसआइटी को पूछताछ में अकाउंटेंट अरूप ने बताया कि वह कंप्यूटर में मौजूद जानकारियों को डीलीज या मॉडीफाई नहीं करना चाहता था। मोखा और अस्पताल की मैनेजर सोनिया को उसने इसके लिए मना भी कर दिया था। लेकिन दोनों ने उसे धमकाया कि यदि वह उनके कहे अनुसार कंप्यूटर में मौजूद जानकारियों को मॉडीफाई नहीं करता है, तो वह उसे नौकरी से निकाल देंगें। इसी डर के कारण अरूप ने दस्तावेजों को मॉडीफाई करने तैयार हुआ। इसके बाद मोखा ने उसे अपनी आइडी व पासवर्ड दिए, जिसके बाद अरूप ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुड़ी सारी जानकारियां कंप्यूटर में मॉडीफाई की थी। जानकारी के अनुसार एसआइटी ने अरूप के बयान भी धारा 164 के तहत न्यायालय में दर्ज करा दिए हैं।

मामले में यह धाराएं बढ़ाई
एसआइटी ने सरबजीत सिंह समेत अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में कूट रचित दस्तावेज बनाने और आईटी एक्ट की धाराएं बढ़ाई हैं।

कार में रखकर इंदौर में घूमा था राकेश
एसआईटी की जांच में खुलासा हआ कि राकेश अपनी कार से इंदौर गया था। दोनों बार जब रीवा निवासी सुनील मिश्रा ने उसे नकली रेमडेसिविर इंजेक्श की खेप पहुंचाई, तो राकेश उन्हें अपनी कार में रखकर इंदौर में कई स्थानों पर घूमा था। यह इसलिए किया, ताकि पुलिस के हाथ कोई सुराग नहंी लग सके। राकेश की निशानदेही पर पुलिस ने उसकी कार और दो मोबाइल फोन जब्त किए है।

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