नकली रेमडेसिविर पर विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में बताया
एनएसए की भी दी जानकारी
प्रदेश शासन ने जवाब में बताया कि मामले में अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा, उसकी पत्नी जसमीत मोखा, बेटे हरकरण मोखा, अस्पताल की मैनेजर सोनिया, फार्मसिस्ट देवेश चौरसिया, राकेश शर्मा, भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिलेवरी देने वाले रीवा निवासी सुनील मिश्रा, गुजरात में नकली रेमडेसिविर बनाने वाले कपिल वोरा और पुनीत शाह समेत रैपर बनाने वाले नागोजी उर्फ नागेश के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। प्रदेश शासन ने जवाब में यह भी बताया कि सरबजीत सिंह मोखा और देवेश पर एनएसए की कार्रवाई की गई थी और दोनों वर्तमान में जेल में बंद है।
यह है मामला
नकली रेमडेसिविर मामले में ओमती पुलिस ने 10 मई को एफआईआर की थी। जिसके बाद सरबजीत सिंह और देवेश चौरसिया को सबसे पहले गिरफ्तार किया और दोनों को एनएसए के तहत जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने अन्य नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया। हाल ही में पुलिस ने मामले में चार्जशीट भी कोर्ट में पेश कर दी है। जल्द ही मामले की सुनवाई भी शुरू होने वाली है।
4800 रुपए का एक नकली रेमडेसिविर
तारांंकित प्रश्न के जवाब में प्रदेश सरकार ने बताया कि सिटी अस्पताल मेंं मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया। इसके एवज में मरीजों से औसतन 4800 रुपए प्रति इंजेक्शन लिए गए। 117 मरीजों को कुल 209 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे। तारांकित प्रश्न के जवाब में उन धाराओं का भी उल्लेख है, जिनके तहत आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था।