डिलेवरी के बाद पैकिंग, फिर पार्सल- एसआइटी जांच में खुलासा हुआ है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिलेवरी सुनील मिश्रा ने जैसे ही इंदौर में राकेश को दी, उसने तुरंत मोखा के बेटे हरकरण के दोस्त प्रखर कोहली को इसे पार्सल करने के लिए कहा। प्रखर खुद नहीं गया बल्कि एक परिचित को भेजा। जब बैग की डिलेवरी प्रखर के परिचित को दी गई, तब सुनील मिश्रा और राकेश ने उससे यह कहा था कि बैग को कार्टून में पैक करने के बाद ही पार्सल कराया जाए। जिसके बाद प्रखर के परिचित ने दो कार्टून खरीदे। इसके बाद उसने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से भरे हैंड और ट्राली बैग को कार्टून में अच्छी तरह से पैक किया और फिर उसमें टेप लगा दिया था। इसके बाद अंबे ट्रेवल्स के माध्यम से बैग जबलपुर और फिर सिटी अस्पताल पहुंचा।
होटल के दस्तावेजों में नहीं रहता था सोनिया का रिकॉर्ड- होटल सिटी इन में आने-जाने वाले हर एक व्यक्ति का रिकॉर्ड होटल के काउंटर पर रखा जाता था। लेकिन सोनिया के आने और जाने का कोई रिकॉर्ड कागजों में दर्ज नहीं किया जाता था। एसआइटी जांच में खुलासा हुआ कि सोनिया को सिटी इन होटल में कमरा नंबर 205 अलॉट किया गया था। एसआइटी ने होटल के कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि जांच पूरी होने तक वह कमरा किसी और को अलॉट न किया जाए। यह वही कमरा है, जहां सबसे पहले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप पहुंची थी।
बंदियों में भी मोखा और उसके साथियों के खिलाफ आक्रोश
मोखा समेत उसका बेटा हरकरण, पत्नी जसमीत, अस्पताल की मैनेजर सोनिया, फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया और राकेश शर्मा जेल में बंद हैं। इन सभी आरोपियों के खिलाफ जेल बंदियों में भी आक्रोश है। जसमीत और सोनिया को जहां महिला वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, वहीं मोखा समेत अन्य को सामान्य बंदियों से अलग रखा गया है।
आज गुजरात रवाना होगी एसआइटी
एसआइअी प्रभारी एएसपी रोहित काशवानी ने बताया कि नकली रेमडेसिविर मामले में गुजरात के मोरबी जिले में बंद भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन, इंदौर में नकली रेमडेसिविर की डिलेवरी देने वाले रीवा निवासी सुनील मिश्रा और गुजरात के सूरत में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री संचालित करने वाले कौशल वोरा को लेने के लिए एसआइटी की 10 सदस्सीय टीम रविवार को रवाना होगी। टीम सीधे मोरबी जिले के बी डिवीजन थाने पहुंचेगी। वहां से आरोपियों के सम्बंध में जानकारियां जुटाने के बाद उन्हें जबलपुर लाने के लिए मोरबी जिले के न्यायालय में अपील करेगी। इसके साथ ही टीम तीनों आरोपियों के सम्बंध में बी डिवीजन थाने से भी विभिन्न जानकारियां जुटाएगी, जो बतौर सबूत ओमती थाने मे दर्ज अपराध में काम आएंगें। टीम नकली रेमडेसिविर की फैक्ट्री से जुड़े दस्तावेज भी ला सकती है।