चार ***** पहले जबलपुर आई थी
प्रकरण के अनुसार फर्जी पासपोर्ट काण्ड को लेकर भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका बेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मोनिका पर आरोप था कि उसने खुद को अबु सलेम की पत्नी बताते हुए फौजिया उस्मान के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया । 2006 में भोपाल की निचली अदालत ने मोनिका बेदी को दोषमुक्त कर दिया। सेशन कोर्ट से भी सरकार की अपील 16 जुलाई 2007 को खारिज हो गई। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने यह पुनरीक्षण याचिका दायर की । मामले की 28 अप्रैल 2015 को हुई सुनवाई के दौरान मोनिका बेदी खुद हाईकोर्ट में हाजिर होने के लिए जबलपुर आईं थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए जल्द सुनवाई के निर्देश
2019 के आरंभ में मोनिका ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी कि 12 साल से मप्र हाईकोर्ट में उसका मामला लंबित होने के चलते उसे स्थाई पासपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द विचारण के निर्देश दिए। अधिवक्ता दिलजीत सिंह अहलूवालिया, अर्जुन सिंह ने तर्क दिया कि मोनिका के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट बनाने का कोई सबूत नहीं है। निचली अदालत उसे दोषमुक्त कर चुकी है। इसलिए सरकार की याचिका खारिज की जाए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले के रिकार्ड तलब कर लिए।