यह अपील सरकार ने भोपाल की निचली अदालत से मोनिका को बरी किए जाने के खिलाफ दायर की है। प्रकरण के अनुसार फर्जी पासपोर्ट काण्ड को लेकर भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका बेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मोनिका पर आरोप था कि उसने खुद को अबु सलेम की पत्नी बताते हुए फौजिया उस्मान के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया । 2006 में भोपाल की निचली अदालत ने मोनिका बेदी को बरी कर दिया। सेशन कोर्ट से भी सरकार की अपील 16 जुलाई 2007 को खारिज हो गई। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने यह पुनरीक्षण याचिका दायर की । मप्र हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लेकर एक पुनरीक्षण याचिका दायर की। 2019 के आरंभ में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द विचारण के निर्देश दिए। गुरुवार को सरकार की ओर से यह बताया गया कि 3 सितंबर के आदेश के पालन में निचली अदालत से वांछित रिकार्ड नहीं आ सके। इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।