मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। यह सामान्य के बराबर रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह की आद्र्रता 64 प्रतिशत और शाम की आद्र्रता 55 प्रतिशत थी। दक्षिण-पूर्वी हवा चार किमी प्रतिघंटा की गति से चली।
राजस्थान से छग तक बनी द्रोणिका
मौसम विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सहायक देवेंद्र कुमार तिवारी के अनुसार आंध्रप्रदेश के तटीय क्षेत्र में चक्रवात है। उड़ीसा के ऊपर भी चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है। राजस्थान से छत्तीसगढ़ तक द्रोणिका भी बनी हुई है। दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश में भी कम दबाव है। हवा की दिशा शाम को उत्तर-पूर्वी हो गई। यदि हवा की दिशा नहीं बदली तो मानसून अगले दो दिन में दक्षिण मध्यप्रदेश में प्रवेश कर सकता है। इसके प्रभाव से तीन दिन तक संभाग में अनेक स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है। जानकारों की मानें तो शुक्रवार को दिनभर मडराने वाले हल्के बादल प्री-मानसूनी गतिविधि का हिस्सा हैं। स्थानीय बदलाव से उमस बढ़ी है। मानसून के प्रवेश के पहले उमस का बढऩा अच्छी बारिश के संकेत हैं।