scriptweather water update: मानसून की दगा, नर्मदा का जलस्तर न्यूनतम से भी नीचे | Monsoon late, Narmada water level below minimum in jabalpur | Patrika News

weather water update: मानसून की दगा, नर्मदा का जलस्तर न्यूनतम से भी नीचे

locationजबलपुरPublished: Jul 21, 2021 03:03:32 pm

Submitted by:

Lalit kostha

केलकू मीटर की ऊं चाई से काफी नीचे है जल स्तर

The Narmada river Gwarighat

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जबलपुर। बारिश नहीं होने के कारण नर्मदा का जल स्तर मानसून सीजन में न्यूनतम स्तर से भी नीचे पहुंच गया है। बारिश का पहला महीना बीतने के बाद भी नर्मदा का जलस्तर केलकूमीटर की बॉर्डर लाइन के आसपास भी नहीं पहुंच सका है।
तिलवाराघाट में बने पुल पर अंकित केलकूमीटर की मौजूदा तस्वीर इसकी पुष्टि कर रही है। इसमें बॉर्डर लाइन 363 मीटर से शुरू होती है। पर्याप्त बारिश होने पर जुलाई के एक पखवाड़े बाद तिलवाराघाट स्थित ज्यादातर मंदिर डूबने लगते हैं। पानी भी मटमैला हो जाता है। लेकिन, ज्यादातर इलाकों में सूखे जैसे हालात होने से नर्मदा जल फिलहाल कं चन है। यही स्थिति नर्मदा की सहायक नदियों हिरन, परियट, गौर में भी पानी कम है। इन नदियों का जलस्तर बढऩे का असर नर्मदा की जलधारा पर भी पड़ता है।

घुघवा जलप्रपात में धार सबसे पतली
घुघवा जलप्रपात में नर्मदा की धार सबसे पतली होने से बड़ी चट्टाने नजर आने लगी हैं। कुछ स्थानों पर नदी की तलहटी भी देखी जा सकती है।

ग्वारीघाट का पाट हुआ संकरा
मानसून की बेरुखी ग्वारीघाट में भी देखी जा सकती है। तट पर नर्मदा का पाट संकरा हो गया है। जलस्तर गर्मी के दिनों के बराबर होने से लोग नीचे तक पहुंच रहे हैं।

तिलवाराघाट में ऐसे नापा जाता है जलस्तर
363 मीटर है जलस्तर बढऩे की बॉर्डर लाइन
368 मीटर पर बाढ़ के हालात
370 मीटर पर डूबने लगता है पुराना पुल
371 मीटर पर अलर्ट जारी कर ऊपरी दुकानों को खाली कराया जाता है

नर्मदा का जल स्तर बढऩा मंडला, डिंडोरी सिवनी और जबलपुर जिले में होने वाली बारिश पर निर्भर करता है। इन जिलों से बारिश का पानी सहायक नदियों और नालों से होकर नर्मदा नदी में मिलता है। चारों जिलों में नहीं होने से नर्मदा के अधिकतर तटों में जल स्तर गर्मी के दिनों जैसा है। अभी तक जल मटमैला भी नहीं हुआ है।
– एबी मिश्रा, पर्यावरणविद्

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