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जबलपुर

monsoon forecast: जल्द बरसेंगी घटाएं, 10 जून को आ सकता है मानसून

एमपी में 10 जून को आ सकता है मानसून

जबलपुरMay 27, 2018 / 02:37 pm

Premshankar Tiwari

rain forecast

एमपी में 10 जून को आ सकता है मानसून

जबलपुर। मध्य प्रदेश में इस बार मानसूनी बादल अपने निर्धारित समय यानी 15 जून से चार या पांच दिन पहले आ सकते हैं। मौसम विज्ञान केन्द्र ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि मध्य प्रदेश में 10 जनू के आसपास मानसून सक्रिय हो सकता है। फिलहाल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के मौसम में अनिश्चितता का माहौल है। जेठ की गर्मी झुलसा रही है। नौ तपों के बीच आसमान में बादलों के डेरों के कारण बढ़ी उमस लोगों को बेचैन कर रही है। खासकर किसानों को बारिश की पहली खेप का इंतजार है, जो खेतों को खरीफ की फसलों की बुआई के लिए नमी प्रदान करेगी। हालांकि मौसम विशेषज्ञ इस मामले खुशनुमा पूर्वानुमान जाहिर कर रहे हैं। मौसम विदों का मानना है कि इस बार केरल में 29 मई से 1 जून के बीच मानसून सक्रिय हो सकता है। इस लिहाज से इस बार प्रदेश में मानसून की गाड़ी समय से पहले आ सकती है। वर्षा ऋतु में पर्याप्त औसत बारिश का भी पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।

चार दिन पहले दस्तक
मौसम विद आरके तिवारी के अनुसार भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि इस बार मध्य प्रदेश में मानसून की दस्तक निर्धारित समय यानी 15 जून से तीन या चार दिन पहले हो सकती है। बताया गया है कि अंडमान निकोबार में मानसून सक्रिय हो रहा है। अगर लो प्रेशर की स्थिति ठीक रही तो जबलपुर में 8 से 10 जून तक मानसूनी बारिश शुरू हो सकती है। मौसम विदों के 29 मई से एक जून के बीच मानसूनी घटाएं केरल को तर कर सकती हैं। हालांकि पूर्वानुमान के चार दिन आगे-पीछे मानसून की दस्तक होती रही है, लेकिन यह तय है कि इस बार औसत रूप से सामान्य यानी अच्छी बारिश के आसार हैं। उल्लेखनीय है कि मप्र में सामान्य तौर पर छग से लगे मध्य प्रदेश अंचल में मानसूनी मेघ सबसे पहले यानी 10 जून के आसपास आते हैं। पांच दिनों में ये घटाएं पूरे प्रदेश में फैल जाती हैं। केरल मे मानसून पहुंचने के बाद मप्र में पहुंचने में करीब 9 से10 दिन का समय लगता है। जबलपुर में मानसून 12 से 13 जून के बीच में आ सकता है।

पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी
मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार वर्तमान में राजस्थान और पश्चिम की ओर से आ रही हवाएं मध्य प्रदेश में प्रभावी हैं। इस वजह से पश्चिमी विक्षोभ बढ़ा है। आसमान में द्रोणिका का निर्माण हो गया है। चक्रवाती हवाओं के घेरे की वजह से ही बार-बार बादल हो रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती घेरे के कारण ही अंधड़ के साथ जहां तहां बूंदाबांदी हो रही है। माहौल में नमी बढ़ है, जिसकी वजह से उमस परेशान कर रही है। हालांकि विक्षोभ का असर धीरे धीरे कम हो रहा है। जल्द ही मौसम साफ हो जाएगा। सूरज का तीखापन और बढ़ सकता है। मौसम विभाग भोपाल के वैज्ञानिक डॉ. जेडी मिश्रा ने बताया कि आगामी सप्ताह में पश्चिमी मप्र के जिलों में तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। पूर्वी मप्र में भी कमोबेश यही स्थिति रह सकती है।

तपन कर रही बेहाल
मध्य प्रदेश के कई जिलों में रविवार सुबह मौसम साफ रहा। दोपहर में धूप तेज हो गई। राजस्थान से आने वाली पश्चिमी हवा ने बदन झुलसाया। इसके असर से सडक़ों सन्नाटा साफ नजर आया। वहीं शनिवार शाम को बादल छाए लेकिन, उमस जारी रही। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 43.1 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान का पारा 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की आद्र्रता 47 और शाम की आद्र्रता 31 प्रतिशत रही। दिन में पश्चिमी हवा की औसत रफ्तार 6 किमी प्रति घंटा रही। मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी एके वर्मा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कुछ क्षेत्रों में बारिश की संभावना है।

क्या कहते हैं ज्योतिषी
ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ल के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्थी को ग्रहों की स्थिति बदली है। 16 मई से शुरू हुए पुरुषोत्तम माह के आखिरी दौर में अत्यधिक वर्षा और आंधी- तूफान का योग बन रहा है। श्रवण नक्षत्र में मंगल , मृगसिरा के बुद्ध और शनि की मकर राशि में मंगल और केतु होने से मौसम का असंतुलन बनने की संभावना है। इसमें ज्यादा वर्षा का योग बन रहा है। वहीं ज्योतिर्विद डॉ. सत्येन्द्र स्वरूप शास्त्री के अनुसार नौ तपा में सूरज के तपने की वजह से भीषण गर्मी की संभावना है। जबकि, नौतपा के ठीक बाद मानसून आने की संभावना बन रही है।

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