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दक्षिणी-पश्चिमी मानसून का इस जिले में प्रवेश, 3 से 4 दिन में यहां दस्तक देगा मानसून

locationजबलपुरPublished: Jun 12, 2020 01:10:58 pm

Submitted by:

Lalit kostha

दक्षिणी-पश्चिमी मानसून का इस जिले में प्रवेश, 3 से 4 दिन में यहां दस्तक देगा मानसून
 

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Weather Update: बंगाल की खाड़ी से पहुंच रही नमी, तापमान में आई आंशिक गिरावट

जबलपुर। इस बार छत्तीसगढ़ के रास्ते मानसून सम्भाग में दस्तक देगा। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के बाद आंध्रप्रदेश से आगे बढ़ते हुए मानसून ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आवक दर्ज करा दी है। तेजी से आगे बढ़ रहे दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के दक्षिण पूर्वी मध्यप्रदेश के डिंडोरी, मंडला और सिवनी जिले को पहले छूने की सम्भावना है। स्थितियां अनुकूल बनी रही मानसून 3-4 दिन में शहर भी पहुंच जाएगा। इधर, अरब सागर की ओर से सक्रिय मानसून भी मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा पहुंच गया है। दोनों छोर से सक्रिय मानूसन की तेज रफ्तार से शहर और सम्भाग में जल्द झमाझम वर्षा की उम्मीद बढ़ गई है। प्री मानसूनी गतिविधियां बढऩे के साथ ही बादलों की आवाजाही शुरू हो गई है। गुरुवार को हल्के काले बादलों की आवाजाही रही। गर्मी और उमस से परेशान लोगों को अब मानसून से राहत मिल सकती है।

 

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दोपहर में तेज धूप, शाम तक उमड़े बादल

दोपहर में तेज धूप रही। उसके बाद हवा तेज हो गई। हवा गर्म होने के साथ ही काले बादल उमड़े। कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हुई। बादलों ने गुरुवार को पारे के उछाल को रोक दिया। अधिकतम तापमान बिल्कुल बुधवार के बराबर बना रहा। मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 39.4 और न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस था। गुरुवार को भी अधिकतम तापमान सामान्य के बराबर 39.4 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई। यह गुरुवार को बढकऱ 27.5 डिग्री सेल्सियस हो गया। सामान्य से एक डिग्री ज्यादा रहा। आद्र्रता सुबह के समय 61 प्रतिशत और शाम को 35 प्रतिशत थीं। दक्षिण-पूर्वी हवा औसतन 3 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चली। शुक्रवार को सम्भाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछार की सम्भावना है। शाम ढलने के बाद भी उमस का अहसास हुआ। घरों के आंगन, छत और टहलने निकलने पर भी लोगों को गर्मी परेशान करती रही। वैज्ञानिक सहायक देवेन्द्र कुमार तिवारी के अनुसार गुरुवार को नमी की मात्रा बढऩे से दोपहर बादल लोकल सिस्टम से बादल बनें।

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