प्राप्त जानकारी के मुताबिक अप्रैल से अगस्त तक विभिन्न प्रसव केंद्रों में 11 हजार 911 प्रसूताओं के प्रसव कराए गए जिनमें 2542 महिलाओं की गोद सिजेरियन प्रसव से भरी। इस बीच अच्छी सूचना ये है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित 54 महिलाओं का प्रसव कराया गया, जिनमें 30 महिलाओं ने सिजेरियन प्रसव से शिशु को जन्म दिया। बताया जाता है कि प्रसव केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के उपचार व प्रसव को प्राथमिकता दी गई ताकि कोरोना संक्रमण या लॉकडाउन के कारण प्रसूताओं और नवजात को किसी तरह की दिक्कत न हो।
वैसे सरकारी से ज्यादा निजी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव हुए। बता दें कि जिले में 40 प्रसव केंद्रों में से चार निजी शेष सरकारी हैं। ऐसे में इस कोरोना काल में निजी केंद्रों में 145 प्रसव कराए गए जिनमें 97 सिजेरियन प्रसव हुए। इस प्रकार निजी अस्पतालों में कुल प्रसव का करीब 66 प्रतिशत सिजेरियन जबकि सरकारी केंद्रों में साढ़े 15 प्रतिशत प्रसव सिजेरियन हुए।
कोरोना संक्रमण के दौरान प्रसव का सर्वाधिक भार एल्गिन अस्पताल में देखा गया। अप्रैल में 646 प्रसव कराए गए। जिसके बाद मई, जून, जुलाई व अगस्त में यह संख्या क्रमशः 640, 651, 615, 761 रही। इसके विपरीत सिविल अस्पताल रांझी, एचएससी झिरमिला का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। दूसरे नंबर पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रहा जहां सर्वाधिक प्रसव कराए गए।
अप्रैल से अगस्त तक प्रसव की स्थिति महीना-कुल प्रसव- सिजेरियन अप्रैल- 1979- 456 मई- 1923- 468 जून- 2241- 484 जुलाई- 2771- 599 अगस्त- 2997- 535 योग- 11911- 2542
कोट कोरोना संक्रमण के दौरान प्रसव केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की देखभाल व प्रसव के पुख्ता इंतजाम कराए गए। कोरोना संक्रमित महिलाओं को भी सामान्य व सिजेरियन प्रसव का लाभ मिला। प्रसव केंद्रों में उपचार संबंधी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं।-डॉ. रत्नेश कुरारिया, सीएमएचओ