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नलों से आ रहे सर्पिल आकार के कृमि
वार्डों में गंदे पानी की हो रही सप्लाई
नगर पालिका सिहोरा का मामला-
जनप्रतिनिधियों व प्रशासन पर उदासीनता का आरोप
जानकारी के अनुसार नगर में लगभग एक हजार उपभोक्ताओं को पानी की सप्लाई हिरन नदी कि पानी से की जाती है। हिरन नदी से पानी खितौला फिल्टरेशन प्लांट में साफ करने के बाद टंकियों में सप्लाई होता है। प्रबंधन, रखरखाव और शुद्धीकरण सही तरीके से किए बिना घरों में सप्लाई किए गए पानी में अनेक प्रकार की समस्याएं सामने आ रही हैं।
निकल रहे कृमि, गंदे और मटमैले पानी की आपूर्ति – वार्ड वासियों ने बताया कि नलों से आने वाले पानी में छोटे-छोटे कृमि जीवित अवस्था में आ रहे हैं। यह कृमि सर्पिलाकार के छोटे-छोटे जीवित अवस्था में होते हैं। एक बाल्टी पानी में लगभग 10 से 15 कृमि नल के साथ आते हैं। जब जल बहुत समय तक एकत्रित रहता है और उस जल में इसी प्रकार के कृमि उत्पन्न हो जाते हैं। यह समस्या लगभग एक सप्ताह से बनी हुई है। गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। इस पानी के इस्तेमाल के बाद कई लोग बीमार पड़ सकते हैं।
लाईनों की कोई जांच नहीं, अधिकारी नदारत-
वार्ड पार्षद को अवगत करा दिया गया है। बावजूद इसके नगर पालिका से कोई भी जांच दल या जल निरीक्षण दल वार्डों तक पहुंच कर पानी की जांच नहीं कर रहा है। जिससे लोगों को प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
लोग उस वक्त हैरान रह गए जब नलों से पानी के साथ लंबे-लंबे लार्वा कृमि भी निकलने लगे। स्थानीय निवासी आनंदमणी त्रिपाठी,सुखदेव प्रसाद, मुन्ना सरावगी, रवि सरावगी, राजेश नामदेव,कृष्णकुमार ने बताया कि 7 दिनों से गंदा पानी आ रहा है। इतना प्रदूषित पानी है कि उसे पीने की तो क्या किसी दूसरे काम के लिए भी इस्तेमाल नहीं कर सकते। कई बार जल विभाग ऑफिस नगरपालिका सिहोरा जाकर शिकायत कर चुके हैं पर कोई सुनने वाला नहीं है। लोगों ने बताया कि पानी से बदबू भी आ रही है। वैसे तो पानी साफ दिख रहा है पर बदबू की वजह से उसे इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।