भेड़ाघाट में पानी की पाइप लाइन बिछाने का मामला
मार्बल पार्क में जेसीबी चलाने वाले ठेकेदार की पीठ पर रसूख का हाथ!
जानकारों का कहना है कि अफसरों के हाथ दब गए हैं। क्योंकि, जब काम शुरू हुआ और और हद तक आगे बढ़ गया, तब किसी ने ठेकेदार से यह नहीं पूछा कि मार्बल पार्क में जेसीबी किससे पूछकर चलाई जा रही है। विभागीय सूत्र कह रहे हैं कि ठेकेदार को टेंडर शर्तों का हवाला भी शुरू में किसी ने नहीं दिया होगा। वहां काम मजदूर करेंगे या जेसीबी चलेगी? इसका स्पष्ट जिक्र नहीं होने का फायदा ठेकेदार ने उठाया। अब ठेकेदार इन्हें बारीकियों के आधार पर टेंडर पास करने वालों को ‘ब्लैकमेल’ कर रहा है। हालांकि, जानकार यह भी कह रहे हैं कि अफसर चाहें, तो ठेकेदार को शासन के निर्देशानुसार काम करने के लिए बाध्य कर सकते हैं। लेकिन, ठेकेदार रसूखदारों का दबाव डलवाकर कार्रवाई नहीं होने दे रहा है।
भेड़ाघाट प्रकृति की अनुपम कृति है, उसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। स्थानीय स्तर पर बगैर किसी स्वीकृति के मार्बल पार्क में भारी मशीनरी से तोडफ़ोड़ किया जाना आश्चर्यजनक है। मामले में ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाना चाहिए।
– संजय यादव, क्षेत्रीय विधायक
मार्बल पार्क में शिलाओं में तोडफ़ोड़ होना दुर्भाग्यपूर्ण है, प्राकृतिक स्वरूप से छेड़छाड़ न हो। ये भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई भी गतिविधि न हो।
– प्रो.आरके शर्मा, इंटेक
प्रकृति ने नैसर्गिक रूप में नर्मदा तट का शृंगार कर विश्व को जो अनुपम कृति दी है उसे किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाया जाना स्वीकार्य नहीं है। मार्बल पार्क में शिलाओं को तोडऩे के लिए भारी-भरकम मशीनरी का उपयोग करने वाले ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाना चाहिए।
– एबी मिश्रा, पर्यावरणविद्
मामला संज्ञान आने के बाद मार्बल पार्क में काम रोक दिया गया था, फिलहाल पार्क में कोई भी काम नहीं हो रहा है। स्थानीय टीम नजर भी रख रही है, वरिष्ठ अधिकारी मामले में जो भी निर्देश देंगे कार्रवाई की जाएगी।
– अनुज सिंह, प्रभारी सीएमओ, भेड़ाघाट नगर परिषद