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नेपियर टाउन डकैती : इंटरपोल और दूतावास से मांगी मदद
बांग्लादेशी हैं आरोपित, वर्धमान से सटी सीमा पार मिली मोबाइल लोकेशन!
ये है मामला
छह मई 2018 की देर रात 2.40 बजे पांच-छह डकैत निखिल के घर में घुसे थे। उन्होंने निखिल और उनके पिता केके अग्रवाल के सिर पर रॉड से वार कर घायल किया। इसके बाद बेटा तनु, पत्नी वर्षा और मां कांति अग्रवाल के हाथ-पैर चादर से बांध कर 70 तोला सोने व हीरे के जेवर सहित चार मोबाइल व अन्य कीमती सामान लेकर भाग गए थे।
क्राइम ऑफ सीन और टाइमिंग से मिला सुराग
नेपियर टाउन डकैती के बाद डकैत जिस समय भागे, उसी समय एक ट्रेन दानापुर के लिए निकलती है। इसी ट्रेन की टाइमिंग शहर में इसके पूर्व हुई डकैती में भी मिली। डकैतों ने सभी वारदातों में एक ही तरीका अपनाया। चारों वारदातों में डकैतों की संख्या और कद-काठी एक जैसी मिली।
दिल्ली-एनसीआर और बांग्लादेशी कनेक्शन
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि दिल्ली एनसीआर खासकर पलवल में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रह रहे हैं। ये फेरी लगाकर कपड़े और अन्य सामान बेचते हैं। इनका मूवमेंट अलग-अलग प्रांतों में होता है। इसी दौरान ये घरों को चिन्हित कर जाते हैं। इसके बाद बांग्लादेशी साथियों के साथ टार्गेट को चुनते हैं।
नए सिरे से हो रही विवेचना
पहले पुलिस की टीमों का फोकस स्थानीय पारधी गिरोह पर था। टीम ने पारधी गिरोह के कुछ सदस्यों को हिरासत में लेकर खुलासे का दावा भी किया था। बाद में पुलिस का पांसा उलटा पड़ गया। भद्द पिटने के बाद नए सिरे से विवेचना की जा रही है। पुलिस के अनुसार लूट के मोबाइल पर फेसबुक चलाया जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट की टीम ने आइपी एड्रेस के जरिए लोकेशन ट्रेस किया। एक महीने से इस पर नजर रखी जा रही है।
एक ही गिरोह डकैती में शामिल
11 नवम्बर 2016 को संजीवनी नगर निवासी अधिवक्ता हर्षवर्धन शुक्ला के घर
14 मई 2016 को नेपियर टाउन निवासी बार संचालक के घर
13 मई 2016 को मदन महल रेलवे लाइन के पास निवासी मनोज सिंह के घर में डकैती का प्रयास
21 अप्रैल 2015 को चौथा पुल निवासी एवं लिज्जत पापड़ की प्रमुख पुष्पा बेरी को बंधक बनाकर डकैती
नेपियर टाउन डकैती प्रकरण में बांग्लादेशी पुट होने की जानकारी मिली है। कुछ अहम सुराग भी लगे हैं। टीम सीधे बांग्लादेश जाकर गिरफ्तारी नहीं कर सकती।
– दीपक शुक्ला, एसपी सिटी