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जबलपुर

देश में यहां बना रहा सबसे खतरनाक बम, दुश्मनों को हर कदम पर देगा मात

अब्राम्स टैंक को भी भेदेगा, पाकिस्तान के पास हैं यह आधुनिक टैंक

जबलपुरMar 18, 2019 / 05:32 pm

abhishek dixit

Weapon in india

Weapon in india

जबलपुर. आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) ऐसा स्वदेशी बम बनाएगा जो आधुनिक युद्धक टैंक को आसानी से भेद सकेगा। यह 550 एमएम से ज्यादा की आर्मड प्लेट को भी उड़ा देगा। अभी अब्राम्स टैंक इस क्षमता का माना जाता है। यह अमेरिकी टैंक पाकिस्तानी सेना में शामिल हैं। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में अन्य आयुध निर्माणियां भी सहयोग करेंगी। बड़ी बात यह होगी प्रोजेक्ट से सभी निर्माणियों के पास 15 से 20 साल का अतिरिक्त काम मिल सकेगा।

आयुध निर्माणी दिवस के उपलक्ष्य में सीनियर क्लब खमरिया में रविवार को आयुध प्रदर्शनी के दौरान यह जानकारी ओएफके के वरिष्ठ महाप्रबध्ंाक एके अग्रवाल ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि अब हम उत्पाद की तकनीक और उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। इस तारतम्य में यह टैंकभेदी बम भी मील का पत्थर साबित होगा। यह प्रोजेक्ट 125 एमएम टैंकभेदी बम (मैंगो प्रोजेक्ट) के अतिरिक्त है। यह प्रोजेक्ट सेना को मजबूत करेगा।

मल्टीमोड हैंड ग्रेनेड में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट
ओएफके में अब मल्टीमोड हैंड ग्रेनेड का उत्पादन भी शुरू होगा। इसकी विस्फोट की समयावधि को लेकर तकनीकी खामी दूर कर ली गई है। यह सामान्य हैंड ग्रेनेड से अधिक घातक होगा। वरिष्ठ महाप्रबध्ंाक अग्रवाल ने बताया कि अप्रैल या मई में इसका यूजर ट्रायल किया जाएगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है। अफेंसिव और डिफेंसिव मोड में जब सैनिक इसे दुश्मन पर फेकेंगे तो यह 3 से 4 सेकंड के बीच फट जाएगा। फाइबर निर्मित हैंड गे्रनेड में 300 से अधिक घातक स्टील की बॉल हैं। जहां यह गिरेगा वहां आसपास के 15 से 20 मीटर के इलाके में बेहद घातक साबित होता है।

हाई एक्प्लोसिव बम का भी उत्पादन
आधुनिक टैंकों को उड़ाने में सक्षम 84 एमएम टैंक एमुनेशन 751 बम का उत्पादन भी शीघ्र शुरू होगा। यह 551 का नया वेरियंट है। स्वीडन के सहयोग से चल रहे इस प्रोजेक्ट के तहत हाई एक्प्लोसिव और स्मोक वर्जन में करीब 20 हजार बमों का निर्माण इस साल किया जाएगा। वरिष्ठ महाप्रबंधक ने बताया कि इसके लिए जरुरी मटेरियल खमरिया पहुंच चुका है।

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