script

दुनिया की सबसे खतरनाक तोप पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात, दहल जाएंगे पड़ोसी

locationजबलपुरPublished: Jul 15, 2018 11:12:05 am

Submitted by:

Lalit kostha

दुनिया की सबसे खतरनाक तोप पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात, दहल जाएंगे पड़ोसी
 

most powerful cannon make in india hindi news

most powerful cannon make in india hindi news

जबलपुर। राजस्थान की पोकरण रेंज में सफल ट्रायल के बाद छह धनुष तोप को अब सेना के सुपुर्द किया जाएगा। सेना के आर्टलरी विभाग के डायरेक्टर जनरल पीेके श्रीवास्तव ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में शनिवार को उन्होंने जीसीएफ के अधिकारियों के साथ बैठक की। सबसे पहले तोप की सफलता पर सभी को बधाई दी। उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में तैयार की जाने वाली 12 धनुष तोप की प्रगति की समीक्षा की। दिल्ली से आए डायरेक्टर जनरल ने सबसे पहले धनुष इंडीगे्रटेड सेंटर का दौरान किया। यहां पर 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप की ओवरहालिंग का काम किया जा रहा है। इन्हीं तोप का पोकरण में बैटरी फायर किया गया था।

news fact-

डायरेक्टर जनरल की हरी झंडी
अब सेना के हवाले छह धनुष तोप
जीसीएफ में प्रोजेक्ट की समीक्षा

दूसरे प्रोजेक्ट पर चर्चा
उन्होंने इस प्रोजेक्ट से जुटे अधिकारी एवं कर्मचारियों से चर्चा की। प्रशासनिक भवन में धनुष सहित एलएफजी और दूसरे प्रोजेक्ट पर बैठक की। बैठक में फैक्ट्री के वरिष्ठ महाप्रबंधक एसके सिंह, अपर महाप्रबंधक एवं धनुष प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में तोप से जुड़े तमाम पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि तोप की फायरिंग मानदंडों पर खरी उतरी है, इसलिए अब जल्द ही इन्हें सेना के सुपुर्द किया जाएगा। जीसीएफ के जनसंपर्क अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि डायरेक्टर जनरल ने फायरिंग की सफलता के लिए जीसीएफ को बधाई दी। जल्द ही धनुष तोप को सेना के हवाले किया जाएगा।

Dhanush
धनुष तोप प्रोजेक्ट एक नजर
2011 में जीसीएफ को 155 एमएम केलीबर की तोप बनाने का प्रोजेक्ट मिला
2014 में धनुष का ट्रायल प्रोटोटाइप बनकर तैयार हुआ
45 महीनों में 12 प्रोटोटाइप बनकर तैयार हुए
4200 राउंड अब तक फायर किए गए
01 साल से ज्यादा समय से लगातार फायरिंग के दौरान पोखरण में तोप का मजल व बैरल क्षतिग्रस्त हुआ था
इसके बाद प्रोजेक्ट चीनी कं पोनेंट उपयोग करने को लेकर विवादों में आया
जबलपुर की अन्य आयुध निर्माणियों, पीएसयू व निजी इंडस्ट्री के साथ मिलकर प्रोजेक्ट पर काम किया
360 डिग्री एंगल में धूम जाता है ‘धनुष’

‘धनुष’ की कार्यप्रणाली के दौरान देखा गया कि ये 360 डिग्री एंगल में काफी तेजी से लगातार घूम सकता है। इसके पिछले हिस्से में एक से डेढ़ फीट का उठाव होता है जो लगातार इसके घूमने में मदद करता है। इतना ही नहीं इसकी ऑटो बारूद लोडिंग टेक्नोलॉजी इसे बोफोर्स जैसी तोप से भी अलग बताती है। धनुष्य सी टेक्नोलॉजी वर्तमान में स्वीडन और फ्रांस के देशों के पास भी नहीं है। इसकी कैलिबर 155 mm है जो कि 30 सेकेंड में 3 बार लगातार फायर करता है।
40 किमी पर साधेगी निशाना

धनुष तोप बोफोर्स का अपग्रेड वर्जन है। इसकी मारक क्षमता बढ़ाई गई है। तोप से 40 किमी दूरी तक निशाना साधा जा सकता है। फैक्ट्री ने इस तोप के 8 से अधिक प्रोटोटाइप तैयार कर सेना को सौंपे हैं। इसका कई जगहों पर परीक्षण भी किया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक अहमदनगर स्थित अनुसंधान एवं विकास स्थापना (वीआरडीई) में जीसीएफ के द्वारा इंटरनल ट्रायल के तहत इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की जांच कराई जा रही है।
यहां बनते हैं धनुष तोप से लेकर टारपीडो

धनुष तोप और टारपीडो का आपात स्थिति में उत्पादन तेज कर दिया जाता है। देश की 41 आयुध निर्माणियों में से चार शहर में हैं। इनमें 200 से अधिक तरह के सैन्य साजो-सामान का उत्पादन किया जाता है। 1965, 1971 और 1999 की लड़ाई में इनकी जबर्दस्त भूमिका रही। कुछ प्रमुख उत्पादों की बड़ी विशेषता है।
ग्रे आयरन फाउंड्री: एरियल बम और हैंड ग्रेनेड की बॉडी व एमुनेशन बॉक्स के अलावा दूसरे कलपुर्जे ढाले जाते हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो