इन्होंने दायर की है जनहित याचिका
भोपाल के विधि छात्र हिमांशु दीक्षित ने जनहित याचिका दायर कर मध्यप्रदेश मोटर वीकल एक्ट 1995 मेंं संशोधन की मांग की है। कहा गया कि इस एक्ट के आर्टिकल 15 (1) और आर्टिकल 21 के तहत महिलाओं और बारह वर्ष से कम आयु के बच्चों को हेलमेट लगाना अनिवार्य नहीं है। इस छूट के चलते प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान महिलाओं, बच्चों की मौत के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। उनके लिए भी हेलमेट अनिवार्य होना चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से हेलमेट में छूट का प्रावधान अनुचित है।
भोपाल के विधि छात्र हिमांशु दीक्षित ने जनहित याचिका दायर कर मध्यप्रदेश मोटर वीकल एक्ट 1995 मेंं संशोधन की मांग की है। कहा गया कि इस एक्ट के आर्टिकल 15 (1) और आर्टिकल 21 के तहत महिलाओं और बारह वर्ष से कम आयु के बच्चों को हेलमेट लगाना अनिवार्य नहीं है। इस छूट के चलते प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान महिलाओं, बच्चों की मौत के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। उनके लिए भी हेलमेट अनिवार्य होना चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से हेलमेट में छूट का प्रावधान अनुचित है।
दिल्ली, चंडीगढ़ मॉडल अपनाना जरूरी
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि सरकार एक तरफ महिला सशक्तिकरण के दावे कर रही है। निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बना रही है। लेकिन महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य न होने से सभी बातें खोखली साबित हो रही हैं। ऐसे में दिल्ली और चंडीगढ़ में अपनाए जा रहे मॉडल को अपनाना आवश्यक है। कोर्ट को बताया गया 2015 से 2019 तक 2142 सड़क हादसों में तकरीबन 580 महिलाओं की मौत हो चुकी है। ऐसे में मध्यप्रदेश मोटर वीकल एक्ट 1995 में संशोधन वक्त की मांग है। 21 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट ने मामले में प्रमुख सचिव परिवहन और विधि एवं विधायी कार्य विभाग को नोटिस जारी किए थे। सोमवार को सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता एचके उपाध्याय ने संके त दिए कि जल्द ही मोटर वीकल एक्ट में संशोधन कर यह छूट वापस ली जा सकती है। इस पर कोर्ट ने सरकार को समय दे दिया।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि सरकार एक तरफ महिला सशक्तिकरण के दावे कर रही है। निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बना रही है। लेकिन महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य न होने से सभी बातें खोखली साबित हो रही हैं। ऐसे में दिल्ली और चंडीगढ़ में अपनाए जा रहे मॉडल को अपनाना आवश्यक है। कोर्ट को बताया गया 2015 से 2019 तक 2142 सड़क हादसों में तकरीबन 580 महिलाओं की मौत हो चुकी है। ऐसे में मध्यप्रदेश मोटर वीकल एक्ट 1995 में संशोधन वक्त की मांग है। 21 अक्टूबर 2019 को हाईकोर्ट ने मामले में प्रमुख सचिव परिवहन और विधि एवं विधायी कार्य विभाग को नोटिस जारी किए थे। सोमवार को सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता एचके उपाध्याय ने संके त दिए कि जल्द ही मोटर वीकल एक्ट में संशोधन कर यह छूट वापस ली जा सकती है। इस पर कोर्ट ने सरकार को समय दे दिया।