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बड़ी खबर: निजी कम्पनी ने मेडिकल यूनिवर्सिटी से छिपाया डाटा, परीक्षा परिणामों में धांधली की आशंका

locationजबलपुरPublished: Jun 10, 2021 05:32:08 pm

Submitted by:

Lalit kostha

– प्राइवेट सर्विस प्रोवाइटर कम्पनी पर पास-फेल करने के गम्भीर आरोप- चिकित्सा मंत्री की गठित जांच समिति को भी डाटा देने में आनाकानी- जांच के दौरान परीक्षा नियंत्रक के भी गायब होने से उठ रहे कई सवाल

MP big news: Private company hide data from medical university

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जबलपुर। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने जिस निजी कम्पनी को रिजल्ट तैयार करने का ठेका दिया, वह छात्रों की गोपनीय जानकारी पर ही कुंडली मारकर बैठ गई। पास-फेल के गम्भीर आरोप से घिरने के बाद भी निजी कम्पनी विवि से ही छात्र-छात्राओं के रिजल्ट की जानकारी छिपा रही है। इससे परीक्षा परिणामों में बड़ी धांधली की आशंका बन गई है। लगातार शिकायतों के बाद मामले को गम्भीर पाने पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने निजी कम्पनी के कामकाज की जांच के निर्देश दिए हैं। लेकिन अब ये कम्पनी मंत्री की गठिन जांच समिति को भी छात्रों और रिजल्ट का डाटा देने में आनाकानी कर रही है। संबंधित मामले में परीक्षा नियंत्रक से जानकारी मांगने और उनके जांच के दौरान विवि से तीन दिन गायब रहने से प्रकरण और संदिग्ध हो गया है।
पहले कहा शिकायत बताओ, फिर कहा सब बंद है

विवि ने परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की ऑनलाइन जांच और रिजल्ट तैयार करने के लिए माइंड लॉजिक्स कंपनी को अनुबंधित किया है। सूत्रों के अनुसार अनुबंध के मुताबिक कंपनी का कार्य और सर्वर विवि में ही सुरक्षित रहेगा। लेकिन रिजल्ट का डाटा देने में आनाकारी कर रही कम्पनी ने पहले तो विवि से शिकायत और जांच समिति के दस्तावेज मांगे गए। उसके बाद नियमों का हवाला देते हुए इस महीने लगातार नोटिस जारी किया गया। कंपनी ने बैंगलुरु स्थित मुख्य कार्यालय बंद होने और लॉकडाउन के कारण जानकारी देने में असमर्थता जा दी। इससे रेकॉर्ड में हेराफेरी की आशंका बन गई है। जबकि कम्पनी डाटा विवि से ही प्राप्त करके उपलब्ध करा सकती है।
छात्रों ने की शिकायत

एक छात्र संगठन ने पिछले महीने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मेडिकल यूनिवर्सिटी में काम करने वाली निजी आइटी कम्पनी माइंडलॉजिक्स के द्वारा अनियमितता करने की शिकायत की गई थी। छात्र संगठन ने कंपनी पर फेल छात्र को पास करने और माक्र्स एंट्री पोर्टल में नंबर में भारी बदलाव करने का आरोप लगाया है। कंपनी की संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण परीक्षा परिणाम कभी समय पर जारी नहीं किए जाने की शिकायत की है।

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IMAGE CREDIT: patrika

तीन सदस्यीय समिति को जांच

छात्र संगठन की शिकायत पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने मामले की जांच के लिए 2 जून को निर्देश जारी किए। मामले की छानबीन के लिए विवि के कुलसचिव डॉ. जेके गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। इसमें वित्त नियंत्रक आरएस डेकाटे और लेखा अधिकारी राकेश चौधरी सदस्य है। कंपनी के कामकाज की तकनीकी जांच के लिए भोपाल से तीन तकनीकी विशेषज्ञों को भी नामित किया गया है।
पिछले साल समीक्षा में भी लापरवाही हुई थी उजागर

विवि में पिछले वर्ष जीपीआर स्टडी के लिए राज्य लोक सेवा अभिकरण से भेजे गई टीम को भी रिजल्ट कार्य के लिए अनुबंधित निजी कंपनी के कामकाज में खामी मिली थी। टीम ने विवि में समीक्षा में पाया था कि परीक्षा परिणाम, अंक सूची एवं डिग्री कार्य संबंधित अनुबंधित एजेंसी के निर्धारित समय अवधी में कार्य नहीं करने के कारण छात्रा को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

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