जानकारी के अनुसार जबलपुर के करमचंद चौक क्षेत्र स्थित बिजली के सामानों के दुकानदार 35 वर्षीय कृष्णकांत पिता गौतम प्रसाद पटेल गत 22 अक्टूबर को ट्रेन नंबर- 02168 वाराणसी एलटीटी एक्सप्रेस में कोच एस-4 बर्थ नंबर- 49 से मुम्बई के लिए निकला था। उसके पास 5 लाख रुपए से अधिक की नकदी रही। ट्रेन जब बुरहानपुर रेलवे स्टेशन के पास पहुंची तभी दो अज्ञात व्यक्तियों ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उनसे पैसे 3.40 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ित यात्री ने इसकी शिकायत खंडवा जीआरपी थाने में दर्ज कराई। इसके बाद मामले की जांच कर रही खंडवा जीआरपी गुरुवार को जबलपुर पहुंची और व्यापारी से क्राइम ब्रांच अफसर बनकर 3.40 लाख रुपए ऐंठने वाले बीजेपी नेता को पूर्व मंत्री अंचल सोनकर के घर से गिरफ्तार कर लिया।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी भाजपा का पूर्व नामित पार्षद नरेंद्र वर्मा, पूर्व मंत्री अंचल सोनकर के घर में घुस गया था। काफी हंगामे के बाद पुलिस उसे गिरफ्त में ले सकी। आरोपी को पूर्व मंत्री का करीबी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री की सिफारिश पर ही उसे पार्षद मनोनीत किया गया था। हालांकि अब इस घटना के बाद बीजेपी नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर का कहना है कि ऐसे लोगों के साथ सख्त विधिक कार्रवाई होनी चाहिए। पार्टी से भी ऐसे लोग बाहर किए जाएंगे।
बताया जा रहा है कि पूर्व मनोनीत पार्षद नरेंद्र ने दोस्त साधना न्यूज एजेंसी के संभागीय ब्यूरो चीफ म.न. 93 ग्वारीघाट रोड नर्मदा नगर निवासी सचिन राव के साथ मिलकर पूरी साजिश रची थी। सचिन राव से उसकी पहले से याराना है। आरपीएफ कार्यालय में तैनात आरक्षक न्यू शोभापुर कॉलोनी निवासी संदीप तिवारी से भी आरोपी भलीभांति परिचित है। उसने पूर्व में भी कई बार उसे क्राइम ब्रांच बनकर रेड डालने का नाटक कर पैसे ऐंठने का ऑफर दिया था। हालांकि तब वह शामिल नहीं हुआ। लेकिन 22 अक्टूबर को नरेंद्र का कॉल पहुंचा तो वह तैयार हो गया। नरेंद्र ने इस साजिश में शीतला माई वार्ड घमापुर निवासी एवं इंद्रलोक सिटी के बिल्डर सौरभ शर्मा को भी शामिल कर लिया।
मुख्य साजिशकर्ता बीजेपी से मनोनीत पूर्व पार्षद नरेंद्र ने रेकी की जिम्मेदारी निभाई थी। उसी ने पता लगाया था कि व्यापारी कृष्णकांत पटेल हवाला के पैसे लेकर ट्रेन से मुंबई निकलने वाला है। इसके बाद चारों आरोपी भी उसी ट्रेन में सवार हो गए। सचिन राव, व्यापारी कृष्णकांत के पास वाली सीट पर बैठ कर उस पर नजर रखे था, जबकि अन्य तीन आरोपी दूसरी बोगी में थे। देर रात जब ट्रेन में सवार अधिकतर यात्री सो गए थे तो बुरहानपुर आने से पहले सौरभ और संदीप तिवारी और कृष्णकांत को सोते से जगा कर खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए शौचालय की ओर ले गए। वहां कृष्णकांत को हवाला और गांजा में फंसाने की धमकी दी जिससे व्यापाररी डर गया और उसने दोनों को 3.50 लाख रुपए दे दिए।
कृष्णकांत ने जब अपने दोस्तों से इस घटना का जिक्र किया तो दोस्तों ने शिकायत करने के लिए कहा। इस पर वह जीआरपी जबलपुर पहुंचा। यहां अवैध वसूली सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया। इसके बाद केस डायरी खंडवा ट्रांसफर कर दी गई। खंडवा जीआरपी प्रभारी बबीता कठेरिया ने मामले की जांच शुरू की। बुरहानपुर और जबलपुर स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज से पीड़ित ने आरोपियों की पहचान की। इसके बाद जीआरपी टीआई बबीता कठेरिया टीम के साथ 28 अक्टूबर की रात जबलपुर पहुंची। बिना स्थानीय पुलिस को खबर दिए वह सबसे पहले बीजेपी नेता के घर पहुंची और बड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्त में ले लिया। फिर उसके बताये अनुसार तीन अन्य आरोपियों को पकड़ा।