जबलपुर

Fake Remdesivir Injection Case में नया खुलासा, इंजेक्शन की कालाबाजारी में अब MP जिला अस्पताल का भी नाम

-Fake Remdesivir Injection Case में एसटीएफ ने जिला अस्पताल के दो लोगों को किया गिरफ्तार

जबलपुरJun 28, 2021 / 12:14 pm

Ajay Chaturvedi

Remdesivir injection

जबलपुर. Fake Remdesivir Injection Case में अब तक सिटी हॉस्पिटल का ही नाम आ रहा था। सिटी हॉस्पिटल के निदेशक सहित उनका पूरा परिवार और अस्पातल के कई कर्मचारियों की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है। अब विक्टोरिया जिला अस्पताल का नाम भी इस काले धंधे में शामिल हो गया है। जानकारी के मुताबिक एसटीएफ ने जिला अस्पताल के दो लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में पकड़ लिया है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में शामिल जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर आरोप है कि वे अस्पताल से डॉक्टर की सील लगी पर्ची चुराकर उस पर फर्जी हस्ताक्षर कर स्टोर से अनुदान वाले इंजेक्शन निकलवाते थे। ऐसे आठ इंजेक्शन आरोपियों ने विक्टोरिया से निकलवा कर बाजार में 19 से 25 हजार रुपए में बेचे थे। एक आरोपी के घर से ऐसी सात और पर्ची भी जब्त हुई है।
इस खुलासे के बाद एसटीएफ ने रविवार को आनंद पटेल और राहुल सेन को गिरफ्तार कर लिया। आनंद पटेल के घर की तलाशी में डॉक्टरों के नाम की सील लगी सात पर्चियां मिली। सातों पर फर्जी हस्ताक्षर मिले। इन पर्चियों के माध्यम से भी आरोपी विक्टोरिया के स्टोर से रेमडेसिविर इंजेक्शन निकलवाने की जुगत में थे, लेकिन इस गैंग के अन्य सदस्यों का भंडाफोड़ हो गया और वे एसटीएफ द्वारा पकड़ लिए गए। इससे पहले आनंद ने राहुल सेन के साथ मिलकर 8 इंजेक्शन निकलवा कर आरोपियों को बेच चुका था।
एसटीएफ की पूछताछ में पता चला कि राहुल विश्वकर्मा मेडिकल अस्पताल में काम करता था। वह डॉक्टर की सील लगी पर्चियां चोरी कर उनके नाम का हस्ताक्षर खुद करता था। इस पर्ची को राहुल सेन को देता था। राहुल इन पर्चियों को आंनद पटेल को पहुंचाता था। इसके बाद आंनद विक्टोरिया अस्पताल से अनुदान वाले इंजेक्शन निकलवा कर देता था। आंनद को इसके एवज में तीन हजार रुपए मिलते थे। इस इंजेकशन को राहुल, सुधीर ने बाजार में 19 से 25 हजार रुपए में बाजार में बेचे थे। आरोपियों ने नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा में भी इंजेक्शन बेचे हैं।
बता दें कि एसटीएफ ने 19 अप्रैल को गंगानगर गढ़ा निवासी सुधीर सोनी व राहुल विश्वकर्मा को 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। वे 19-19 हजार रुपए में इंजेक्शन बेच रहे थे। दोनों ने पूछताछ में बताया कि उक्त इंजेक्शन संस्कारधानी हॉस्पिटल के पैथोलॉजिस्ट राकेश मालवीय ने दिए थे। राकेश से पूछताछ के बाद टीम ने दीक्षितपुरा निवासी आशीष हॉस्पिटल के डॉक्टर नीरज साहू और विजय नगर निवासी लाइफ मेडिसिटी के डॉक्टर जितेंद्र सिंह ठाकुर को पकड़ा था। दोनों से दो इंजेक्शन और जब्त हुए थे।
“रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें तीन अलग-अलग अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर, पैथोलॉजिस्ट भी शामिल हैं। आठ इंजेक्शन विक्टोरिया अस्पताल से निकलवा कर बाजार में बेचे गए हैं। आरोपियों से पूछताछ जारी है। कुछ और खुलासे हो सकते हैं।”-नीरज सोनी, एसपी एसटीएफ जबलपुर
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