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High Court Decision : परीक्षा केन्द्र में बदली गई उत्तरपुस्तिका, माशिमं छात्रा को दे 50 हजार रुपए हर्जाना

locationजबलपुरPublished: Aug 03, 2019 09:55:10 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

केन्द्राध्यक्ष व पर्यवेक्षक भी चुकाएंगे पांच-पांच हजार

High court will hear on SDM decision

High court will hear on SDM decision

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट में एक बार फिर माध्यमिक शिक्षा मंडल (Secondary Education Board) की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को पता लगा कि दसवीं की छात्रा की सोशल साइंस की उत्तरपुस्तिका (Answer sheet) ही परीक्षा केंद्र में बदल दी गई। कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल को कहा कि 45 दिन के भीतर पीडि़त छात्रा को 50 हजार रुपए हर्जाना अदा करे। जस्टिस नंदिता दुबे की सिंगल बेंच ने केन्द्राध्यक्ष व पर्यवेक्षक को भी निर्देश दिए कि वे छात्रा को 5-5 हजार रुपए प्रदान करें।

अनूपपुर निवासी छात्रा अंजली पांडे ने याचिका में कहा कि वह 2017 में उत्कृष्टता उमावि लखौरा पुष्पराजगढ़ केंद्र से दसवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुई। परीक्षा में उसे सोशल साइंस विषय में 22 अंक मिले, जबकि अन्य पांच विषयों में 90 से अधिक अंक मिले। रिटोटलिंग के लिए आवेदन पर अंक नहीं बढ़े तो याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर उत्तर पुस्तिका के निरीक्षण से जानकारी हुई कि छात्रा की उत्तर पुस्तिका बदल गई। किसी अन्य की उत्तरपुस्तिका में काट-छांट कर उसका रोल नंबर लिख दिया गया। जबकि मूल उत्तर पुस्तिका की जांच में याचिकाकर्ता को 86 अंक मिले। छात्रा को तत्काल संशोधित अंकसूची दे दी गई। हाईकोर्ट ने इस लापरवाही के लिए केन्द्राध्यक्ष व पर्यवेक्षक को जिम्मेदार माना । कोर्ट से आग्रह किया गया कि माशिमं, केन्द्राध्यक्ष व पर्यवेक्षक की लापरवाही की वजह से छात्रा को बेवजह परेशानी उठानी पड़ी। इसके लिए उसे हर्जाना दिलाया जाए। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने माशिमं, केन्द्राध्यक्ष व पर्यवेक्षक को कहा कि वे छात्रा को निर्देशित हर्जाना चुकाएं।

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