फिर नहीं होते दर्शन
बैठक में प्रवीण, प्रदीप तिवारी व संगीता यादव ने बेरोजगारी, आरक्षण, कानून व्यवस्था, सडक़ और पेयजल पर खुलकर अपने विचार रखे। निधि तिवारी ने कहा कि आरक्षण केवल निरीह व कमजोर लोगों को मिलना चाहिए। दीप कोष्टा, सुनंदा यादव, व केके साहू, की शिकायत थी कि जन प्रतिनिधि चुने जाने के बाद 5 साल उनके बीच उनकी समस्याओं को सुनने नहीं आते। यही कारण है कि समस्याएं विकराल हो जाती हैं। सीमा पचौरी, योगेश पटेल, हेमंत ठाकुर,ने यह भी कहा कि पढ़ाई में सिर्फ डिग्रियां लेकर लोग निकल रहे हैं। बेरोजगारी बढ़ी है। स्कूल-कॉलेजों में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है। यहां गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई की बजाए डिग्रियां बांटने का काम हो रहा है ।खासकर सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर है, जबकि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को अच्छी तनख्वाह मिल रही है। बच्चों को मिड-डे मील बांटा जा रहा हैड्रेस और स्कूल बैग बांटे जा रहे हैं। जबकि प्राथमिकता ज्ञज्ञ्क्र बांटने की होनी चाहिए।
खुद करेंगे फैसला
श्रीकांत पचौरी, दीप कोष्टा, सुनंदा यादव, वकील चौधरी, जित्तू कृपलानी, दीपक रघुवंशी, अदिति का कहना था कि पार्टी वाद के चलते राजनीति में अच्छे लोग का चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। योग्य लोगों को अवसर मिलना चाहिए। इस चुनाव में हम खुद अपने नेता का फैसला करेंगे। जो व्यक्ति सक्रिय, सजग और जनता के प्रति जवाबदेह नजर आएगा उसे ही चुनेंगे। अधिकांश लोगों की पीड़ा यही थी कि क्षेत्र में सडक़ों की हालत खराब है। पानी के निकास की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से गंदगी व संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है और इसके लिए सीधे तौर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व प्रशासन की निष्क्रियता जिम्मेदार है।
श्रीकांत पचौरी, दीप कोष्टा, सुनंदा यादव, वकील चौधरी, जित्तू कृपलानी, दीपक रघुवंशी, अदिति का कहना था कि पार्टी वाद के चलते राजनीति में अच्छे लोग का चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। योग्य लोगों को अवसर मिलना चाहिए। इस चुनाव में हम खुद अपने नेता का फैसला करेंगे। जो व्यक्ति सक्रिय, सजग और जनता के प्रति जवाबदेह नजर आएगा उसे ही चुनेंगे। अधिकांश लोगों की पीड़ा यही थी कि क्षेत्र में सडक़ों की हालत खराब है। पानी के निकास की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से गंदगी व संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है और इसके लिए सीधे तौर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व प्रशासन की निष्क्रियता जिम्मेदार है।