विधानसभा क्षेत्र – जबलपुर पाटन
विस क्रमांक – 95
प्रत्याशी – अजय विश्नोई (भाजपा)
उम्र – 66 वर्ष
शिक्षा – स्नातक
प्रोफेशन – राजनेता, व्यवसाय
प्लस – तीन चुनाव का अनुभव
माइनस – क्षेत्र में सक्रियता कम, लोगों से दूरी
राजनीतिक सफर – लगातार तीन बार 1998, 2003 एवं 2008 में विधायक रहे। केबिनेट मंत्री रहे।
अनुभव – छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय। वर्ष 1975 में मीसा बंदी। युवा मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष रहे। 1998 में पहली बार मझौली विधानसभा से विधायक निर्वाचित। 2003 एवं 2008 के चुनाव भी जीते।
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कांग्रेस
प्रत्याशी – नीलेश अवस्थी (कांग्रेस)
उम्र – 44 वर्ष
शिक्षा – एमकॉम
प्रोफेशन – कृषि
प्लस – क्षेत्र में सक्रियता
माइनस – क्षेत्र में अधूरे विकास कार्य
राजनीतिक सफर – कांग्रेस संगठन में सक्रिय भागीदारी। 2013 से पाटन में विधायक
अनुभव – वर्ष 2008 में युवक कांग्रेस से उपाध्यक्ष रहे। इसके बाद सिहोरा कृषि उपज मंडी से अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 2013 में कांग्रेस के टिकट पर सिहोरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। मंत्री अजय विश्नोई को पराजित कर विधायक निर्वाचित हुए।
ऐसे थे पिछले चुनाव
वर्ष – भाजपा – कांग्रेस – विजेता – प्राप्त मत – वोट प्रतिशत
2008 – 45 – 35.68 – अजय विश्नोई भाजपा – 45
2013 – 43.69 – 51.33 – नीलेश अवस्थी कांग्रेस – 51.33
विस के जातीय समीकरण – पाटन विधानसभा ऐसी विधानसभा है जहां कुर्मी, लोधी, यादव एवं ब्राम्हण वर्ग के मतदात भी हैं। कुर्मी, ब्राम्हण, यादव मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा जैन मतदाता व सामान्य वर्ग के भी मतदाता हैं।
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विधानसभा क्षेत्र – बरगी
विस क्रमांक – 96
प्रत्याशी – प्रतिभा सिंह (भाजपा)
उम्र – 63 वर्ष
शिक्षा – एमएम
प्रोफेशन – राजनीति व कृषि
प्लस – दो बार से विधायक, चुनाव प्रबंधन में माहिर
माइनस – सत्ता विरोधी नाराजगी, क्षेत्र में दबंग की पहचान
राजनीतिक सफर – दो बार से लगातार विधायक हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं।
पॉलिटिकल कनेक्शन – राजनीतिक परिवार के चलते खुद भी सक्रिय हुईं और बेटों के लिए भी राजनीतिक पृष्ठिभूमि तैयार की है। सांसद राकेश सिंह की करीबी मानी जाती हैं।
राजनीतिक पारी – राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत जिला पंचायत सदस्य के तौर पर शुरू की। 1994 में जनपद पंचायत अध्यक्ष चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 2008 में भाजपा ने उन्हें बरगी से प्रत्याशी बनाया और यह चुनाव वह कांग्रेस के मांगीलाल मरावी को 17602 मतों के अंतर से हराकर जीत गईं। वर्ष 2013 में उनके सामने कांग्रेस ने ठाकुर सोबरन सिंह को प्रत्याशी बनाया। इस बार जीत का आंकड़ा घटकर 7399 मत रह गया था।
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कांग्रेस
प्रत्याशी – संजय यादव (कांग्रेस)
उम्र – 47 वर्ष
शिक्षा – बीकॉम
प्रोफेशन – राजनीति व पेट्रोल पम्प
प्लस – क्षेत्र में सक्रियता, किसानों की मदद
माइनस – क्षेत्र में बाहरी प्रत्याशी का ठप्पा, गुटबाजी और विरोध
राजनीतिक सफर – एक बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। पार्षद रह चुके हैं और युवक कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव रहे।
पॉलिटिकल कनेक्शन – पिता की राजनीतिक विरासत से आगे बढ़े। बड़े भाई भी विधानसभा चुनाव केंट क्षेत्र से लड़ चुके हैं। खुद पार्षद के साथ दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
राजनीतिक पारी – स्कूल के वक्त से ही राजनीति में सक्रिय रहे। शहर युवा कांग्रेस के महामंत्री बने। वर्ष 1995 में नरसिंह वार्ड से पार्षद बने। वर्ष 1998 और 2003 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पश्चिम से प्रत्याशी बनाया। कम अंतर से हार गए। कुशल संगठन क्षमता के कारण पार्टी ने युवा कांग्रेस में प्रदेश महामंत्री और फिर राष्ट्रीय महामंत्री (2000) बनाया। लगातार पीसीसी डेलीगेट रहे।
ऐसे थे पिछले चुनाव
वर्ष – बीजेपी – कांग्रेस – विजेता
2008 – 38.66 – 23.24 – प्रतिभा सिंह – 15.42 के अंतर से जीतीं
2013 – 47.72 – 42.61 – प्रतिभा सिंह – 5.11 प्रतिशत के अंतर से जीतीं
बरगी विस के जातीय समीकरण – क्षेत्र में लोधी, पटेल सहित ओबीसी वर्ग की संख्या अधिक है। पूर्व में यह सीट आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित भी रह चुकी है। यहां बड़ी संख्या में आदिवासी वोटर हैं। लोध बहुल मतदाता निर्णायक संख्या में हैं।
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विधानसभा क्षेत्र – जबलपुर पूर्व
विस क्रमांक – 97
प्रत्याशी – अंचल सोनकर (भाजपा)
उम्र – 59 वर्ष
शिक्षा – बीए, एलएलबी
प्रोफेशन – बिल्डर
प्लस – लम्बा राजनीतिक अनुभव, कई विकास कार्य कराए
माइनस – विकास कार्य अधूरे
राजनीतिक सफर – छात्र जीवन से संघ से जुड़े। पांच बार विधायक निर्वाचित हुए।
पॉलिटिकल कनेक्शन – वरिष्ठ विधायक के साथ ही सीएम व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के करीबी माने जाते हैं।
अनुभव – छात्र जीवन से संघ और विद्यार्थी परिषद में सक्रिय। 1990 में गोटेगांव से विधायक बने। 1993, 1998 व 2003 में पूर्व विधानसभा से विधायक निर्वाचित। 2008 में कांग्रेस के लखन घनघोरिया से चुनाव हारा। 2013 में कांग्रेस के लखन घनघोरिया को हराकर फिर विधायक निर्वाचित।
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कांग्रेस
प्रत्याशी – लखन घनघोरिया (कांग्रेस)
उम्र – 59 वर्ष
शिक्षा – बीएससी, एलएलबी
प्रोफेशन – समाजसेवा
प्लस – सहज और सुलभ, युवाओं में लोकप्रिय
माइनस – भितरघात का खतरा
राजनीतिक सफर – छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय। 2008 में एक बार विधायक बने। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष।
पॉलिटिकल कनेक्शन – कमलनाथ से निकटता, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष रहने के कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से अच्छे संबंध।
अनुभव – कॉलेज लाइफ से ही राजनीति में सक्रिय। वर्ष 2008 में वर्तमान विधायक अंचल सोनकर को पराजित कर विधायक बने। 2013 में फिर उन्हें पार्टी ने प्रत्याशी बनाया। वे महज 1155 वोटों से अंचल सोनकर से चुनाव हार गए। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में उपाध्यक्ष का पद मिला।
पूर्व विस के जातिगत समीकरण – खटीक, बेन व मुस्लिम समुदाय के मतदाता यहां निर्णायक भूमिका में हैं। प्रजापति समाज के वोट भी समीकरण बिगाडऩे – बनाने में सक्षम हैं। क्षेत्र में सवर्ण मतदाता अधिक नहीं हैं।
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विधानसभा क्षेत्र – जबलपुर उत्तर-मध्य
विस क्रमांक – 98
प्रत्याशी – शरद जैन (भाजपा)
शिक्षा- एमकॉम, एलएलबी
उम्र – 67 वर्ष
प्रोफेशन – नोटरी, वकालत
प्लस – सहज, सुलभ, चुनाव प्रबंधन में माहिर
माइनस – पार्टी में गुटबाजी
राजनीतिक सफर – तीन बार लगातार विधायक निर्वाचित हुए। एक बार मंत्री रहे।
पॉलिटिकल कनेक्शन – संघ से जुड़े हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं।
राजनीतिक पारी – 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद वर्ष 2008 व 2013 में भी विधायक बने। प्रदेश शासन में चिकित्सा शिक्षा, लोक कल्याण एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे।
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कांग्रेस
प्रत्याशी – विनय सक्सेना (कांग्रेस)
उम्र – 48 वर्ष
शिक्षा – बीकॉम, एलएलबी
प्रोफेसन – बिल्डर्स, कांट्रेक्टर
प्लस – सहज, सुलभ, बात रखने में सक्षम
माइनस – विधानसभा क्षेत्र में संपर्क कम, भितरघात संभावित
राजनीतिक सफर – चार बार पार्षद रहे। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष। नगर संगठन में कार्यकारी अध्यक्ष।
पॉलिटिकल कनेक्शन – कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ व वरिष्ठ नेता अजय सिंह राहुल सहित अन्य नेताओं से सीधा संपर्क।
अनुभव – कांग्रेस नगर संगठन में अभी कार्यकारी अध्यक्ष। संगठन के कई पदों पर रहे। वर्ष 1999, 2004, 2009 व 2014 में पार्षद निर्वाचित। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
उत्तर- मध्य विस में जातीय समीकरण – क्षेत्र में ब्राम्हण और जैन मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग व मुस्लिम मतदाताओं का भी खासा प्रभाव है।
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विधानसभा – जबलपुर केंट
विस क्रमांक – 99
प्रत्याशी – अशोक रोहाणी (भाजपा)
उम्र – 53 वर्ष
प्रोफेशन – व्यवसाय
प्लस – सहज, सुलभ
माइनस – पार्टी के कुछ नेताओं का असहयोग, सक्रियता की कमी
राजनीतिक सफर- नगर निगम में पार्षद और नगर निगम अध्यक्ष रहे और एक बार विधायक।
पॉलिटिकल कनेक्शन – भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. ईश्वरदास रोहाणी के पुत्र। मुख्यमंत्री समेत कई बड़े नेताओं की सहानुभूति।
अनुभव – नगर निगम में पार्षद के साथ वर्ष 2004 से 2009 तक नगर निगम अध्यक्ष रहे। पिता के निधन के बाद 2013 से विधायक निर्वाचित हुए।
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कांग्रेस
प्रत्याशी – डॉ. आलोक मिश्रा (कांग्रेस)
उम्र – 55 वर्ष
शिक्षा – पीजी, पीएचडी
प्रोफेसन – बिल्डर
प्लस – जमीनी सक्रियता
माइनस – पार्टी में गुटबाजी
राजनीतिक सफर – छात्र राजनीति से सक्रिय। पार्षद व एमआईसी सदस्य। कांग्रेस सेवादल व संगठन में पदाधिकारी रहे।
पॉलिटिकल कनेक्शन – कमलनाथ के साथ ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के भी करीबी।
अनुभव – छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। 1984 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए। पार्षद और एमआईसी सदस्य। कांग्रेस सेवादल में सक्रिय रहे। 2008 में कांग्रेस के टिकट पर केंट विधानसभा से चुनाव लड़ा।
केंट विस के जातीय समीकरण – इस सीट में जातिगत समीकरण फिट नहीं बैठता है। यहां सभी वर्ग के मतदाता हैं। क्षेत्र में ब्राम्हण, सिंधी, पंजाबी, बंगाली, मुस्लिम सहित सहित अन्य वर्ग के मतदाताओं की खासी संख्या।
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विधानसभा – जबलपुर पश्चिम
विस क्रमांक – 100
प्रत्याशी का नाम – हरेन्द्रजीत सिंह ‘बब्बू’ (भाजपा)
उम्र – 59 वर्ष
शिक्षा – हाईस्कूल
प्रोफेशन – राजनीति और ट्रांसपोर्ट का बिजनेस
प्लस – लंबा राजनीतिक अनुभव, कार्यकर्ता व व्यक्ति तक पहुंच
माइनस – भितरघात, स्वभाव के कारण कुछ लोग नाराज
राजनीतिक सफर – तीन बार विधायक, एक बार मंत्री रहे
पॉलीटिकल कनेक्शन – पिता की हत्या के बाद भाजपा के आला नेताओं से जुड़ाव। अकाली दल के भी बेहद करीब हैं।
राजनीतिक पारी – वर्ष 1998 में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे और जीत हासिल की। इसके बाद लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीता और मंत्री भी बने। 2013 में हार के बावजूद लगातार राजनीति में सक्रिय।
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कांग्रेस
प्रत्याशी का नाम – तरुण भनोत (कांग्रेस)
उम्र – 46 वर्ष
शिक्षा – बीई
प्रोफेशन – राजनीति, क्रशर व कंस्ट्रक्शन कंपनी
प्लस – जनता से जुड़ाव, युवाओं में पैठ
माइनस – अतिक्रमण कार्रवाई में हस्तक्षेप से नाराजगी
राजनीतिक सफर – एक बार विधायक, एक बार पार्षद और एमआइसी सदस्य।
पॉलीटिकल कनेक्शन – परिवार की ओर से तैयार की गई राजनीतिक पृष्ठभूमि है। इनके चाचा चंद्रकुमार भानोत कांग्रेस के समय मंत्री रहे हैं। छोटे भाई को भी लेकर आए।
राजनीतिक पारी – वर्ष 1999 से वर्ष 2004 तक कांग्रेस से पार्षद रहे। इस दौरान एमआईसी सदस्य का प्रभार भी संभाला। इसके बाद लगातार क्षेत्र और जनता के बीच में सक्रियता। वर्ष 2013 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता।
पश्चिम विस में जातिगत समीकरण – ब्राह्मण व सवर्ण बाहुल्य इस इलाके में सिख मतदाता भीअधिक हैं। एससी-एसटी व ओबीसी वर्ग के लोगों की संख्या भी अच्छी है। इसके बाद मुस्लिम, क्रिश्चियन व अन्य वर्ग के मतदाता आते हैं।
वर्ष-बीजेपी-कांग्रेस-विजेता-जीत का अंतर प्रतिशत में
2008 – 49.10-40.16 – हरेन्द्रजीत सिंह ‘बब्बू’- 8.94
2013 – 45.85 – 46.54 – तरुण भनोत – 0.69
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विधानसभा – जबलपुर पनागर
क्रमांक – 101
प्रत्याशी का नाम – सुशील तिवारी, इंदु (भाजपा)
शिक्षा – स्नातक
उम्र – 59 वर्ष
प्रोफेशन – ट्रांसपोर्ट
प्लस – क्षेत्र में अच्छा प्रभाव, कई विकास कार्य कराए
माइनस – गुटबाजी, क्षेत्र में बगावत के स्वर
राजनीतिक सफर – कृषि उपज मंडी जबलपुर के अध्यक्ष रहे। पिछले चुनाव में पनागर से विधायक बने।
पॉलिटिकल कनेक्शन – परिवार के ही स्व. पं. ओंकार तिवारी भाजपा के कद्दावर नेता व विधायक और मंत्री भी रहे। सीएम व सांसद राकेश सिंह के करीबी माने जाते हैं।
राजनीतिक पारी – वर्ष 2005 में मंडी अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 2013 में पनागर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। पार्टी के राष्ट्रीय व प्रदेश के सभी प्रमुख नेताओं के करीबी रहे।
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कांग्रेस
प्रत्याशी का नाम – सम्मति सैनी (कांग्रेस)
शिक्षा – एमए, एलएलबी
उम्र – 58 वर्ष
प्रोफेशन – वकालत
प्लस – क्षेत्र में पांच वर्ष से सक्रिय हैं।
माइनस – गुटबाजी, उम्मीदवार चयन को लेकर असंतोष
राजनीतिक सफर – छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय। कांग्रेस संगठन के विभिन्न पदों पर काम किया।
पॉलिटिकल कनेक्शन – कमलनाथ के करीबी।
अनुभव – रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में छात्र संघ की राजनीति में सक्रिय। जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित। कांग्रेस स्टेंडिंग कांउसिल सदस्य। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश और संभाग के विभिन्न पदों पर संगठन का कार्य किया।
विस का जातीय समीकरण – ओबीसी मतदाताओं में कुर्मी पटेल, ब्राम्हण और यादव मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग सहित सामान्य वर्ग के मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं।
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विधानसभा क्षेत्र – जबलपुर सिहोरा
विस क्रमांक – 102
प्रत्याशी का नाम – नंदनी मरावी (भाजपा)
उम्र – 51 वर्ष
शिक्षा – बीए व डिप्लोमा
व्यवसाय – कृषि
प्लस – क्षेत्र में सक्रिय, सभी गुटों से समन्वय
माइनस – विकास कार्य पूरे नहीं
राजनीतिक सफर – पिछली दो बार से लगातार विधायक निर्वाचित हुईं। संगठन के कार्यों में सक्रियता।
पॉलिटिकल कनेक्शन – पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की रिश्तेदार। सीएम व प्रदेश अध्यक्ष सांसद राकेश सिंह के गुट से जुड़ीं।
अनुभव – आदिवासी विकास परिषद भोपाल में सदस्य रहीं। दो बार सरपंच निर्वाचित। 2000 से 2005 तक डिंडौरी कृषि उपज मंडी अध्यक्ष। 2008 एवं 2013 में विधायक निर्वाचित हुई।
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कांग्रेस
प्रत्याशी – खिलाड़ी सिंह आर्मो (कांग्रेस)
उम्र – 51 वर्ष
शिक्षा – हायर सेकेंडरी
व्यवसाय – कृषि
प्लस – क्षेत्र में पकड़
माइनस – कांग्रेस में पैराशूट उम्मीदवार, खेमे में विरोध व असंतोष के स्वर
राजनीतिक सफर – जिला पंचायत सदस्य रहे। भाजपा में लम्बे समय से सक्रिय रहे। टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस में शामिल। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के करीबी।
अनुभव – भारतीय जनता पार्टी में लम्बे समय से सक्रिय रहे। जिला पंचायत सदस्य के साथ भाजपा संगठन में भी विभिन्न पदों पर रहे। 2008 में सिहोरा विधानसभा से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था।
विस के जातीय समीकरण – क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा ब्राम्हण, कुर्मी पटेल, कुशवाहा पटेल सहित अन्य वर्ग के मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है।