scriptcovid-19 hospital: डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाने से सरकार का इनकार, इस अस्पताल में बनना था सेंटर | MP Government denied dedicated covid center in jabalpur hospital | Patrika News

covid-19 hospital: डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाने से सरकार का इनकार, इस अस्पताल में बनना था सेंटर

locationजबलपुरPublished: Oct 10, 2020 04:06:27 pm

Submitted by:

Lalit kostha

प्रदेश सरकार की ओर से शुक्रवार को मध्यप्रदेश हाइकोर्ट को बता

dedicated covid center

dedicated covid center

जबलपुर। प्रदेश सरकार की ओर से शुक्रवार को मध्यप्रदेश हाइकोर्ट को बताया गया कि जबलपुर के सुखसागर मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड सेंटर नही बनाया जा सकता। सरकार ने संसाधन व स्टाफ की कमी का हवाला दिया। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की डिवीजन बेंच ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेकर आदेश सुरक्षित कर लिया। बरातघरों, होटलों में निजी अस्पतालों की ओर से कोरोना मरीजों को रखे जाने के मामले में इंडियन मेडिकल एसोशिएशन की अर्जी पर कोर्ट ने 19 अक्टूबर को सुनवाई करने का निर्देश दिया।

संसाधन व स्टाफ की कमी का हवाला
सुखसागर मेडिकल कॉलेज में डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाने से सरकार का इनकार

 

Corona now relies on HR CT chest in bhilwara

ये है मामला
शाजापुर में एक वयोवृद्ध गरीब मरीज को निजी अस्पताल में पलंग से बांधने की अमानवीय घटना पर सुप्रीम कोर्ट के सचिव के पत्र पर मप्र हाइकोर्ट ने संज्ञान लेकर मामला सुनवाई में लिया। इसका दायरा बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी करने पर विचार जारी है। कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने तर्क दिया कि जबलपुर में सुखसागर मेडिकल कॉलेज को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। लेकिन, वहां उपलब्ध बेड, आइसीयू व ऑक्सीजन आदि सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। कोविड डेडिकेटेड अस्पताल नहीं होने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को कोरोना होने पर इलाज कराना मुश्किल हो रहा है।

 

आदेश का पालन नहीं
इसी मामले पर कोर्ट के 23 सितम्बर को दिए गए आदेश के तहत एक अक्टूबर को उप महाधिवक्ता एए बर्नार्ड ने पालन रिपोर्ट पेश की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता नागरथ ने जवाब पर आपत्ति जताई। उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रदेश स्तर पर अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करने के बजाय कोरोना के इलाज की दरें तय करने की स्थानीय अखबारों में प्रकाशित खबरें हाइकोर्ट के पटल पर पेश की गईं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया।

आइएमए की अर्जी पर बाद में सुनवाई
आइएमए जबलपुर की ओर से अधिवक्ता शिवेंद्र पांडे ने कोर्ट को बताया कि हाल ही में होटलों, धर्मशालाओं, हॉस्टल व अस्पताल के अलावा अन्य जगहों में कोविड-19 से पीडित मरीजों को रखने का प्रावधान किया गया है। कोरोना मरीजों का इलाज सभी मेडिकल सुविधाओं से लैस अस्पताल के अलावा अन्यत्र सम्भव नहीं है। इसलिए होटलों, धर्मशालाओं, हॉस्टल, बारातघरों में कोरोना मरीजों को न रखने के निर्देश दिए जाएं। इस अर्जी पर कोर्ट ने अगले सप्ताह सुनवाई करने का निर्देश दिया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो