प्रयोग सफल रहा तो बढ़ेगा उपयोग
इनफ्लैटेबल स्ट्रक्चर मटेरियल से तैयार यह एक पोर्टेबल प्रीमेड वार्ड है। हवा भरते ही इसकी टेंटनुमा आकृति आकार ले लेती है, जो बाहर से टेंट की तरह होता है। अंदर कुछ इंटीरियर और चिकित्सा उपकरण रखते ही मिनी अस्पताल में बदल जाता है। इस चिकित्सा वार्ड की टेंट सहित पूरी सामग्री एक मिनी ट्रक में आ जाती है। पोर्टेबल होने के कारण इसे खोलकर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना आसान होता है। बिजली-पानी उपलब्ध होने पर 36 से 72 घंटे के अंदर इस वार्ड को बनाकर मरीजों को भर्ती किया जा सकता है।
अस्थाई कोविड वार्ड
89.65 लाख रुपए की लागत
20 बिस्तर होंगे मरीज के लिए
03 दिन में बनकर तैयार होगा
स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आधुनिक प्रीमेड वार्ड स्थापित हो रहा है। इसमें गम्भीर कोरोना मरीजों के उपचार की सुविधा है। प्रदेश में अभी सिर्फ शहर को ही इस वार्ड के उपयोग के लिए चुना गया है। इसे एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करना आसान होता है। ज्यादा संक्रमित सुदूर क्षेत्रों में उपचार के लिए यह वार्ड कारगार हो सकते हैं। प्रयास है कि तीन दिन में वार्ड तैयार हो जाए और गम्भीर कोरोना मरीजों को भर्ती करके उपचार शुरू कर दें।
डॉ. पीके कसार, अधिष्ठाता, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज