scriptMP Highcourt: उमा भारती के भतीजे विधायक राहुल का चुनाव शून्य घोषित | MP HC : Uma Bharti's nephew MLA Rahul's election declared void | Patrika News

MP Highcourt: उमा भारती के भतीजे विधायक राहुल का चुनाव शून्य घोषित

locationजबलपुरPublished: Dec 07, 2022 11:47:38 pm

Submitted by:

Rajendra Gaharwar

– हाईकोर्ट ने पराजित प्रत्याशी चंदा देवी गौर की याचिका पर दिया फैसला- रिटर्निंग ऑफिसर डिप्टी कलेक्टर वंदना राजपूत पर की टिप्पणी, कोई अहम जिम्मेदारी नहीं देने के आदेशजबलपुर।मप्र हाईकोर्ट जबलपुर ने भाजपा विधायक राहुल सिंह लोधी का 2018 में हुआ निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया। टीकमगढ़ जिले के खरगापुर से विधायक लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं। हाई कोर्ट के इस आदेश से उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई है।

विधायक राहुल का चुनाव शून्य घोषित

MP High court

चुनाव में निकटतम प्रत्याशी रहीं चंदा देवी गौर की चुनाव याचिका पर यह फैसला आया। जस्टिस नन्दिता दुबे की एकलपीठ ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने प्रक्रिया के विपरीत जाकर लोधी का नामांकन पत्र मंजूर किया। इसलिए यह प्रक्रिया शून्य है। कोर्ट ने इस अनियमितता के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहीं वंदना राजपूत पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिये। कोर्ट ने कहा कि भविष्य में राजपूत को इस प्रकार की कोई जिम्मेदारी न सौंपी जाए।
दो बार जमा किए थे नामांकन पत्र-
टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा क्रमांक 47 से कांग्रेस प्रत्याशी चंदा देवी गौर की ओर से 2018 के चुनाव के बाद यह चुनाव याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया कि चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने दो बार नामांकन पत्र दायर किए थे। पहले नामांकन में भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि उनकी आरएस कंस्ट्रक्शन कंपनी में भागीदारी ं है, जिसका मप्र राज्य ग्रामीण सड़क अधिकरण से अनुबंध है। दूसरे नामांकन पत्र में उन्होंने लिखा कि उनकी और उनके परिवार की किसी भी कंपनी में भागीदारी नहीं है। याचिका में कहा गया कि आरएस कंस्ट्रक्शन कंपनी ब्लैक लिस्टेड हो चुकी है, यह जानकारी छिपाने के लिए दूसरे नामांकन में भागीदारी नहीं होने की जानकारी दी।
राजनीतिक दबाव में तीन दिन पहले स्क्रूटिनी-
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजमणि मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि विधायक लोधी को रिटर्निंग ऑफिसर वंदना राजपूत ने राजनीतिक दबाव के चलते 8 नवम्बर 2018 को ही पत्र लिख दिया था कि वे पार्टनरशिप निरस्त होने के दस्तावेज पेश करें। इस पर आनन-फानन में पार्टनरशिप कैंसिल कर तीसरे दिन ही उक्त दस्तावेज पेश कर दिया गया। इसे रिटर्निंग अधिकारी ने मंजूर भी कर लिया। अधिवक्ता मिश्रा ने तर्क दिया कि स्क्रूटिनी 11 नवम्बर 2018 को होनी थी, लेकिन तीन दिन पहले ही रिटर्निंग ऑफिसर ने स्क्रूटिनी कर लोधी को फॉर्म में कमी की सूचना दे दी थी। यह संवैधानिक प्रक्रिया का सीधा उल्लंघन है।
लोधी पर 10 हजार की लगी थी कॉस्ट
अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इसके पूर्व 2013 के विधानसभा चुनाव में खरगापुर विधानसभा सीट से याचिकाकर्ता विजयी हुई थी। इसके खिलाफ अनावेदक ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने चुनाव याचिका खारिज करते हुए राहुल सिंह लोधी पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई थी। अनावेदक ने अभी तक हाईकोर्ट में कॉस्ट जमा नहीं कराई है। अनावेदक ने नामांकन पत्र में भी कॉस्ट लगाए जाने की जानकारी भी नहीं दी थी। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त आरोपों को सही पाते हुए खरगापुर विधानसभा के 2018 में हुए चुनाव निरस्त कर दिया। गौरतलब है कि राहुल सिंह लोधी प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे(भाई के बेटे)हैं।
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