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हाईकोर्ट ने पूछा, आदेश छिपाकर ले ली राहत, क्यों न की जाए आपराधिक अवमानना की कार्रवाई

locationजबलपुरPublished: Jun 18, 2019 10:44:32 pm

Submitted by:

abhishek dixit

हाईकोर्ट ने पूछा, आदेश छिपाकर ले ली राहत, क्यों न की जाए आपराधिक अवमानना की कार्रवाई

High Court jabalpur

High Court jabalpur

जबलपुर. हाईकोर्ट के पूर्व आदेश को छिपाते हुए जिला अदालत उज्जैन के समक्ष झूठे तथ्य पेश करने के मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया। कोर्ट ने छह लोगों को नोटिस दिए थे, जो मंगलवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विशाल धगट की डिवीजन बेंच के समक्ष हाजिर हुए। कोर्ट ने पूछा कि क्यों न सभी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की जाए। आरोपितों को वकील लगाने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई 15 जुलाई को नियत की गई।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश उज्जैन ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को उज्जैन निवासी धर्मेन्द्र शर्मा, नंदकिशोर चावड़ा, कुंदन चावड़ा, परमानंद चावड़ा, सुरेश चावड़ा, रूपनारायण के खिलाफ शिकायत भेजी थी। शिकायत के अनुसार आरोपितों ने हाईकोर्ट के 17 अगस्त 2015 को जारी आदेश को उज्जैन की एक कोर्ट के समक्ष पहुंचने के पूर्व ही 19 अगस्त 2015 को एक अपराधिक मामले में राजीनामा करने का आवेदन देकर मनमानी राहत ले ली। जबकि हाईकोर्ट का उक्त आदेश आरोपितों के खिलाफ था। जब यह जानकारी कोर्ट के संज्ञान में आई तो उज्जैन जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले को गंभीरता से लेकर हाईकोर्ट शिकायत भेजी। इस पर हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना का मुकदमा कायम किया है। मंगलवार को आरोपितों ने कोर्ट के नोटिस का जवाब देने और पैरवी के लिए वकील लगाने का समय मांगा। इसे मंजूर कर लिया गया।

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