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मंत्री के बयान पर भडक़े मप्र चीफ जस्टिस बोले कल से हाईकोर्ट बंद कर दें: पढ़ें पूरा मामला

locationजबलपुरPublished: Sep 25, 2019 10:40:36 am

Submitted by:

Lalit kostha

एक्टिंग चीफ जस्टिस ने पहाडिय़ों पर अवैध निर्माण हटाने के मसले पर की तल्ख टिप्पणी, मंत्री लखन घनघोरिया के वक्तव्य पर सरकार से दो दिन के अंदर मांगा जवाब

Minister Lakhan Ghanhoria said- corruption in the previous government

Minister Lakhan Ghanhoria said- corruption in the previous government

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकारी मशीनरी फेल हो गई है, ऐसा प्रतीत होता है। कोर्ट के आदेशों का कोई असर नहीं है। ऐसा है तो क्यों न कल से हाईकोर्ट को बंद कर दें? जस्टिस झा व जस्टिस वीके शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कहा कि मंत्री लखन घनघोरिया के कथित वक्तव्य पर सरकार अपना पक्ष दो दिन के अंदर प्रस्तुत करे। कोर्ट मदन महल व शहर की अन्य पहाडिय़ों पर हुए अतिक्रमण के मसले की सुनवाई कर रही थी।

यह है मामला
अधिवक्ता श्रेयस पंडित की ओर से मंत्री लखन घनघोरिया के खिलाफ याचिका पेश कर आरोप लगाया गया कि मंत्री ने 15 सितम्बर को एक आमसभा में हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना की है। मंत्री ने कहा कि सिद्धबाबा सहित अन्य पहाडिय़ों के एक भी मकान टूटने नहीं दूंगा। घनघोरिया ने कहा कि मैंने नगर निगम के वकील अंशुमान सिंह को फोन पर समझा दिया है, कौन क्या शिकायत कर रहा है, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके लिए मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। वहीं अधिवक्ता जकी अहमद ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्तगजेंद्र सिंह नागेश का तबादला हाईकोर्ट के निर्देश के पालन में अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने के कारण दबाव में किया गया है।

 

High Court Order

याद दिलाना हमारा काम
दोपहर 2.30 से शाम पांच बजे तक चली सुनवाई के दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा कि मंत्री नियम-कानून का पालन कराते हैं। इनका पालन नहीं होता, तब हाईकोर्ट सिर्फ याद दिलाता है। बार-बार चेतावनी दी गई कि किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना पहाडिय़ों को अतिक्रमणमुक्त किया जाए। इसके बावजूद राज्य के मंत्री इस तरह से हाईकोर्ट के निर्देश नहीं मानेंगे, जनता को भडक़ाएंगे, न्याय में बाधा पैदा करेंगे तो एक ही विकल्प बचता है कि हाईकोर्ट बंद कर दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट सब देख रहा है
अधिवक्ता सतीश वर्मा ने जस्टिस झा से कहा कि आप दूसरे हाईकोर्ट जाने वाले हैं। इसके साथ ही पहाडिय़ों को अतिक्रमण-मुक्तकरने की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली जाएगी। इस पर जस्टिस झा ने कहा कि अब यह केस सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। लोग धोखे में न रहें क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सब देख रहा है।

मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव के संज्ञान में मामला
अतिरिक्तमहाधिवक्ता अजय गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है। सीएम व मुख्यसचिव के स्तर पर मीटिंग की जा रही है। निर्णय से कोर्ट को अवगत करा दिया जाएगा। महाधिवक्ता शशांक शेखर जबलपुर से बाहर हैं। इसलिए मीटिंग के निर्णय तक मसले पर सुनवाई न की जाए।

 

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