दरअसल जबलपुर जिले के पौड़ी कलां गांव में प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका प्रियंका तिवारी ने तलाक के बाद दोबारा शादी हुई है। शादी के बाद वह गर्भवती हो गई। प्रदेश में लागू सिविल सेवा नियमों के अनुसार महिला कर्मचारी केवल दो बार ही मातृत्व अवकाश की पात्रता होती है। इसलिए तीसरी बार मातृत्व अवकाश के लिए उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। महिला अध्यापिका ने तीसरी संतान के लिए स्कूल शिक्षा विभाग से मातृत्व अवकाश मांगा था।
इस मामले की सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा है कि तलाकशुदा महिला कर्मचारी तीसरी बार मातृत्व अवकाश की हकदार है।" सामान्य परिस्थितियों में सरकारी कर्मचारी को केवल दो बार ही मातृत्व अवकाश की अनुमति दी जाती है। प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका तिवारी ने याचिका में कहा था कि उसकी शादी 2002 में हुई थी और 2018 में तलाक हो गया था। 2021 में फिर से शादी की और अब गर्भवती हो गई, इसलिए उसे दो बार से अधिक मातृत्व अवकाश दिया जाना चाहिए।
इस मामले में चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस पी. के. कौरव की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से भी जबाव मांगा था लेकिन सराकर की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर स्थिति की तात्कालिकता को देखते हुए हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश पारित कर दिया और प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रियंका तिवारी को तीसरी बार मातृत्व अवकाश दिया जाये।