जबलपुरPublished: Nov 11, 2017 10:36:49 am
deepankar roy
25 से 80 लाख रुपए में 94 मेडिकल सीट बेचने का है आरोप
latest decision for mp high court from gang rape case
जबलपुर। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की काउंसलिंग में गड़बड़ी करके एमबीबीएस की सीटें बेचने के मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। हाईकोर्ट में शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें एमबीबीएस प्रवेश के दौरान निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा 25 से 80 लाख रुपए में अयोग्य व दूसरे राज्यों के छात्रों को सीटें बचने का आरोप है। जस्टिस आरएस झा व जस्टिस नंदिता दुबे की युगलपीठ ने डीएमई (निदेशक चिकित्सा शिक्षा) क ो तत्काल प्रदेश के सभी निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए मोप अप राउंड व एनआरआई कोटे के तहत हुए प्रवेश से संबंधित सभी दस्तावेज जब्त करने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को दस दिन के अंदर मामले की जांच करा कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
नीट में मैरिट में आने पर भी नहीं मिला प्रवेश
सिहोरा के पृथ्वी नायक, रीवा के शुभम तिवारी, बाई का बगीचा घमापुर जबलपुर निवासी अनुष्का डेनियल, रायसेन की अनुष्का शुक्ला समेत 11 छात्रों ने याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि सभी ने नीट-2017 परीक्षा में मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त किया। उनका एमबीबीएस में प्रवेश निश्चित होना था। लेकिन उन्हें 9 सितंबर तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिला। निजी कालेजों में मोप-अप काउंसिलिंग के लिए 10 सितंबर की शाम को 7 बजे संशोधित मेरिट लिस्ट जारी की गई। छात्रों को निर्देश दिए गए कि वे रात 10 बजे तक कॉलेज का चयन कर लें। काउंसिलिंग के लिए कट ऑफ टाइम रात के बारह बजे बताया गया।
सीटें बेचने की साजिश
यााचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि कॉलेज पहुंचने के लिए छात्रों को महज दो घंटे का समय दिया गया। एेसा कर निजी कॉलेजों को मनमानी करने का मौका दे दिया गया। परिणामस्वरूप इन कॉलेजों ने पहले तो 80 लाख रुपए तक लेकर एमबीबीएस की सीटें बेंचीं। अंतिम समय तक 25 लाख रुपए मंें ये सीटें बिकीं। उन्होंने कहा कि कीमत चुकाने वाले अपात्र छात्रों को 94 सीटें आवंटित कर दी गईं।
जांच करा कर दो रिपोर्ट
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राÓय सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता दीपक अवस्थी द्वारा पेश जवाब में एनआरआई कोटे पर हुए प्रवेशों के संबंध में कुछ नहीं कहा गया। इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताई। बेंच ने डीएमई को निर्देश दिए कि वे निजी कॉलेजों में मोप अप राउंड व एनआरआई कोटे के तहत हुए प्रवेश का पूरा रिकार्ड जब्त करें। दस दिन के अंदर अपना जवाब जांच रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत किया जाए। कोर्ट ने एमसीआई को भी पक्षकार बनाकर जवाब देने के निर्देश भी दिए।