हाईकोर्ट ने खेल संघ में अधिकारियों की नियुक्ति को चुनौती जनहित याचिका की निरस्त
जबलपुर•Dec 01, 2017 / 12:17 pm•
deepankar roy
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जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने माना है कि केंद्र सरकार के उपक्रमों में कार्यरत अधिकारी मानसेवी पदाधिकारी के रूप में किसी भी खेल संघ में कार्य कर सकते है। इसे पढ़ते हुए हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया जिसमें एक बैंक अधिकारी के खेल संघ के पदाधिकारी होने को चुनौती दी गई थी। इस याचिका में खेल संघ पदाधिकारी के सरकारी कर्मी होने का हवाला देते हुए उनके पद धारण को गैरकानूनी बताया गया था।
चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने मामले में गुरुवार को सुनवाई की। इस याचिका में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी अमित रंजन देव के फुटबाल संघ का सचिव पद धारण करने को गैरकानूनी बताया गया था। हाईकोर्ट की बेंच ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बयान को रिकार्ड पर लेते हुए बैंक अधिकारी देव के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।
ये है मामला
ईस्ट घमापुर, जबलपुर निवास सुबीर कुमार मुखर्जी व नागरिक कल्याण एवं संरक्षण समिति के डॉ मुकेश जायसवाल ने यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि स्टेट बैंक की विजय नगर जबलपुर शाखा में कार्यरत अमित रंजन देव मप्र फुटबाल फेडरेशन के सचिव पद पर क ई वर्षों से कार्यरत हैं। जबकि यह सरकारी केंद्रीय कर्मी के सेवानियमों के खिलाफ है। इस नियुक्ति को गैरकानूनी बताते हुए निरस्त करने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बताया गया कि उनके कर्मी या अधिकारी मानसेवी रूप से किसी एेसी संस्था के पदाधिकारी पद पर नियुक्त हो सकते हैं। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि देव फेडरेशन के मानसेवी सचिव ही हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आरोप को निराधार पाते हुए याचिका निरस्त कर दी। इसके साथ ही एमपी फुटबाल फेडरेशन के सचिव पद पर लंबे अरसे से चले आ रहे विवाद पर विराम लग गया है।
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