यह है मामला
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे ने 2015 में यह जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया है कि नागरथ चौक, रसल चौक सहित कई स्थानों पर दुकानदारों ने मोटर मैकेनिकों को जगह दे रखी है। मैकेनिकों के यहां आने वाले वाहन सड़क पर खड़े कर दिए जाते हैं। इससे यातायात बाधित हो रहा है। वहीं सड़क किनारे अतिक्रमण से भी लोगों को परेशानी हो रही है।
कोर्ट रूम नंबर तीन में एेसे चली सुनवाई
याचिकाकर्ता की वकील शांति तिवारी : माय लॉर्ड, अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई दिखावा है। एक दिन ये हटाए जाते हैं, दूसरे दिन ही फिर वहीं जम जाते हैं। इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई हो।
कोर्ट (नगर निगम के वकील से) : क्या यह सही है?
नगर निगम के वकील सौरभ सुंदर : माय लॉर्ड, नगर निगम अतिक्रमणकारियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। इन्हें तीन-तीन बार तक हटाया गया है। लेकिन कई जगहों पर ये फिर काबिज हो गए हैं।
वकील तिवारी : माय लॉर्ड, निगम ने सड़क किनारे स्थित मोटर मैकेनिकों की सभी दुकानें नहीं हटाई हैं। नागरथ चौक व रसल चौक पर ये अभी भी देखी जा सकती हैं।
कोर्ट : पूर्व मे मैकेनिक जोन बनाने की बात कही गई थी। उनका क्या हुआ? मैकेनिकों को वहां क्यों नहीं शिफ्ट किया जा रहा है?
नगर निगम : माय लॉर्ड, शहर में 8 मैकेनिक जोन बनाना प्रस्तावित है। दो में मैकेनिकों को शिफ्ट कर दिया गया है। बाकी का निर्माण चल रहा है।
कोर्ट : अतिक्रमण हटाने का पहले भी आदेश दिया गया है। ये दोबारा काबिज न हों, इसके लिए क्या किया जा रहा है? निगम की क्या योजना है?
नगर निगम : माय लॉर्ड, मैकेनिक जोन निर्माण, मैकेनिकों की वहां शिफ्टिंग, अतिक्रमण हटाने व निर्बाध यातायात सुनिश्चित करने की कार्रवाई जारी है। कार्रवाई व आगामी योजना की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय दिया जाए।
कोर्ट : कई बार समय दिया जा चुका है। हमें अब देरी नहीं चाहिए। हम एक सप्ताह का समय ही आपको देंगे। इसमें आप अपनी रिपोर्ट पेश कर दें। १४ मई को अगली सुनवाई होगी।