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हाईकोर्ट ने कहा- आपस के झगड़े में छात्रों के भविष्य से मत करो खिलवाड़

locationजबलपुरPublished: Mar 14, 2018 06:05:05 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

सरस्वती हाईस्कूल की याचिका पर सरकार से जवाब-तलब

high court

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जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरस्वती स्कूल प्रबंधन के आपसी विवाद में 10 बोर्ड के कक्षा के छात्रों को परीक्षा से वंचित किए जाने के मामले में जमकर फटकार लगाई। इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल व अन्य संबंधितों को कहा है कि लखनादौन निवासी दसवीं कक्षा के ग्यारह छात्रों को बाकी परीक्षा में शामिल किया जाए। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की सिंगल बेंच ने तल्ख लहजे में कहा कि स्कूल प्रबंधन के झगड़े में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने मसले पर सरकार और माध्यमिक शिक्षा मंडल से आगे जवाब तलब किया है।

यह है मामला
लखनादौन, जिला सिवनी के सरस्वती स्कूल रानीताल की ओर से यह याचिका दायर की गई है। कहा गया है कि स्कूल के 11 छात्रों को माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्रवेश पत्र जारी करने के बाद दसवीं बोर्ड परीक्षा में शामिल करने से इंकार कर दिया। वजह बताई गई कि स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र श्रीवास्तव ने नवमी व दसवीं कक्षा में कोई छात्र न होने की जानकारी दी थी। याचिकाकर्ता स्कूल की ओर से अधिवक्ता शीतला प्रसाद त्रिपाठी, सुशील त्रिपाठी व अभिषेक मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि एक प्रकरण पर लखनादौन सिविल कोर्ट उक्त राजेंद्र श्रीवास्तव के स्कूल प्रबंधन में हस्तक्षेप करने पर रोक लगा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस तरह से उक्त रिपोर्ट अनधिकृत थी।

ये दिया निर्देश
सरस्वती स्कूल प्राचार्य की रिपोर्ट के आधार पर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इन छात्रों को बिना सुनवाई का मौका दिए परीक्षा से बाहर कर दिया। प्रारभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं स्कूल शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि उक्त 11 छात्रों को शेष परीक्षा में शामिल किया जाए। परीक्षा का परिणाम मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से अधिवक्ता समरेश कटारे उपस्थित हुए।

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