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central university in india: भर्ती घोटाले में फंसे ये पूर्व कुलपति, कोर्ट ने नहीं दी राहत

locationजबलपुरPublished: Feb 13, 2018 11:47:30 am

Submitted by:

deepankar roy

घोटाले में आरोप तय करने को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

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जबलपुर। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भर्ती घोटाले के आरोपी कुलपति को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनके द्वारा दायर की गई याचिका में सुनवाई करते हुए मामले में राहत देने से इनकार किया है। मामला सागर के डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के पूर्व कुलपति एनएस गजभिए का है। जिन्होंने भर्ती घोटाले में उन पर आरोप तय करने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने गजभिए की पुनरीक्षण याचिका व केस खत्म करने की अर्जी खारिज कर दी। अपना सुरक्षित फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोप तय होने से ही कोई दोषी या निर्दोष साबित नहीं होता।

यह है मामला
सागर विवि में प्रो. गजभिए के कार्यकाल में नियुक्तियां हुई थीं, जिसमें कई पदों पर आयोग्य प्रत्याशियों की नियुक्ति कर दी गई थी। इस मामले को सीबीआई ने संज्ञान में लिया था। जांच पड़ताल के बाद प्रो. गजभिए सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे, तभी से प्रो. गजभिए फरार हो गए थे।

आईआईटी कानुपर से गिरफ्तार
पुलिस ने फरार गजभिए को गिरफ्तार करने के लिए कानपुर, झांसी, नागपुर स्थित निवास पर छापामार कार्रवाई की थी। इसके साथ ही सागर विवि के विभिन्न विभागों व ऑफिस से नियुक्ति संबंधी अनेक दस्तावेज जप्त किए गए थे। सोमवार को सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो. एनएस गजभिए को कानपुर भारतीय तकनीकी संस्थान से गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई ने कोर्ट में बताया
कोर्ट में सीबीआई ने बताया कि जांच कार्रवाई पूरी होने के बाद सीबीआई ने प्रो. गजभिए को जबलपुर सीबीआई कोर्ट में पेश किया था। सीबीआई कोर्ट ने 29 जुलाई 2016 को गजभिये के खिलाफ विभिन्न अपराधों में आरोप तय किए थे। इसी आदेश को याचिका में चुनौती दी गई, जिसे हाइकोर्ट ने निरस्त कर दिया।

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