20-20 हजार रुपए जुर्माना
एक अवमानना याचिका में दोनों की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार की अपील लम्बित है, जबकि उक्त अपील एक वर्ष पूर्व ही खारिज कर दी गई थी। इस पर जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ 20-20 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी किए। २० मार्च को उन्हें हाजिर रहने को कहा गया है।
यह है मामला
सीधी जिले की सिहावल तहसील मेें समेकित महिला एवं बाल विकास परियोजना में प्रोजेक्ट अधिकारी अंजना सिंह, उच्च श्रेणी क्लर्क परमानंद गुप्ता सहित प्रोजेक्ट में कार्यरत 10 कर्मियों ने यह अवमानना याचिका दायर की है, इसमें कहा गया है कि वे सभी इस परियोजना में 12 दिसम्बर 1995 को नियुक्त हुए। हर साल परियोजना का समय बढ़ाया जाता रहा, लेकिन उनका नियमित कर्मचारी के रूप में संविलियन नहीं किया गया।
चार माह में होना था कार्रवाई
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कृष्ण प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया कि उनकी रिट याचिका पर हाईकोर्ट ने २५ मार्च २०१५ को फैसला दिया था, इसमें कोर्ट ने सरकार को चार माह के अंदर याचिकाकर्ताओं को पात्र पाए जाने पर नियमितीकरण का लाभ देने के निर्देश दिए थे।
बताया लंबित है अपील
अधिवक्ता सिंह ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी। यह अपील भी 10 जनवरी 2017 को खारिज हो गई, लेकिन अनावेदक अधिकरियों की ओर से कोर्ट के आदेश का पालन करने की बजाय बताया गया कि यह अपील लम्बित है। इस पर कोर्ट ने दोनों अधिक ारियों को कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए जमानती वारंट जारी किए हैं।