टीम ने बर्तनों में जमा पानी पलटा तो मिले लार्वा
बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी
– घर-ऑफिस में खिडक़ी-दरवाजे आदि में मच्छर प्रूफ जाली लगाएं।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। हाथ-पैर को अच्छी तरह से ढंकने वाले कपड़े पहनें।
– घर के आसपास के गड्ढों को भर दें। पानी से भरे रहने वाले स्थानों पर मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन ऑइल डालें।
– घर एवं आसपास अनुपयोगी सामग्री टीन, डिब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें। दोबारा उपयोग होने पर उन्हें अच्छी तरह सुखाएं।
– सप्ताह में एक बार अपने कूलर का पानी खाली कर दें। उसके टैंक को सुखाकर ही उपयोग करें। नया पानी भरें।
– घर के अंदर-बाहर पानी के बर्तन आदि को ढक कर रखें। नल और हैंड पंप के पास पानी एकत्र ना होने दें।
– शाम के समय घरों में नीम की पत्ती का धुआं किया जा सकता है।
पहले भी संक्रमण से जूझ चुके हैं लोग
. शहर के कुछ क्षेत्रों में जहां कोरोना के संक्रमित सामने आ रहे हैं, वे मच्छरजनित बीमारियों के लिहाज से भी संवेदनशील हैं। इसमें कुछ क्षेत्रों में बीते वर्षों में डेंगू और चिकुनगुनिया कहर बरपा चुका है। इसके अलावा घनी आबादी वाले कुछ अन्य इलाकों में भी मच्छरजनित रोग का फैलाव होने की आशंका रहती है। एक सप्ताह तक पानी ठहरा होने से उसमें लार्वा पनप सकते हैं।
अभी सावधानी की जरुरत- कोरोना से लडऩे के लिए लोगों का स्वस्थ्य रहने के साथ ही इम्यून सिस्टम मजबूत रखना आवश्यक है। कोई भी बीमारी होने पर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। कोरोना संक्रमण काल में किसी प्रकार के अन्य रोग होने से लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा। ऐसे में कोरोना के खिलाफ युद्ध में परेशानी बढ़ सकती है।
मच्छरजनित बीमारियों का मौसम आ रहा है। कंटनमेंट क्षेत्रों में निरीक्षण के दौरान कुछ जगह घरों के बाहर खुले में कई दिन पुराना पानी एकत्र किया हुआ मिला है। इसमें लार्वा थे। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पानी के उपयोग और उसके एकत्रीकरण को लेकर बरतीं जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी जा रही है। वर्तमान स्थिति में साफ-सफाई रखना जरूरी है।
– अजय कुरील, जिला मलेरिया अधिकारी