जबलपुर

मप्र पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

मप्र पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
 

जबलपुरJan 26, 2022 / 11:20 am

Lalit kostha

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जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में रोक लगाने के लिए दायर याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विजय शुक्ला की डिवीजन बेंच ने पंचायत चुनाव से सम्बंधित नोटीफिकेशन निरस्त किए जाने के चलते याचिकाओं को सारहीन करार दे दिया।

हाईकोर्ट ने सारहीन करार दिया, याचिकाएं खारिज

दमोह की डॉ. जया ठाकुर ने याचिका दायर कर कहा कि 21 नवंबर को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर आगामी पंचायत चुनाव में 2014 के आरक्षण रोस्टर और परिसीमन के आधार पर चुनाव कराए जाने की घोषणा की। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए 4 दिसंबर 2021 को अधिसूचना जारी कर दी। प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले चरण में छह जनवरी को मतदान होगा। इस अध्यादेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामला हाईकोर्ट को रिमांड कर दिया था। मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ व सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव से जुड़े नोटीफिकेशन वापस ले लिए हैं। इसे संज्ञान में लेकर याचिकाएं निरस्त कर दी गईं।

इधर, बक्सवाहा मामले में खनन पर रोक बरकरार
हाईकोर्ट ने बक्सवाहा मामले में माइनिंग कंपनी सहित अन्य का जवाब आने के बाद अंतिम सुनवाई किए जाने की व्यवस्था दी है। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कहा कि इस बीच पूर्व में पारित अंतरिम रोक बरकरार रहेगी। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि बक्सवाहा जंगल की पुरातात्विक सम्पदा माइनिंग से नष्ट हो सकती है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने पूर्व में नोटिस जारी कर पुरातत्व विभाग, वन विभाग व एस्सेल माइनिंग कंपनी से जवाब-तलब किया था। लेकिन, जवाब नदारद है। आर्कियोलाजिकल सर्वे में बक्सवाहा जंगल में 25 हजार वर्ष पुरानी रॉक पेटिंग मिली थी। चंदेल व कल्चुरी युग के अवशेष मिले थे। कोर्ट ने इस जानकारी को रिकॉर्ड पर लेते हुए 26 अक्टूबर को स्थगनादेश पारित कर दिया था।

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