scriptMP के पंचायत व ग्रामीण विकास के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर | MP Panchayat and Rural Development officers employees on strike | Patrika News

MP के पंचायत व ग्रामीण विकास के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर

locationजबलपुरPublished: Jul 23, 2021 11:19:45 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-सरकार पर लगाया उनकी बातें न सुनने और समस्या का निदान न करने का आरोप-पंचायतों का सारा कामकाज पूरी तरह से ठप

 पंचायत व ग्रामीण विकास के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर

पंचायत व ग्रामीण विकास के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर

जबलपुर. कोरोना की दूसरी लहर मद्धम पड़ने के साथ ही मध्य प्रदेश में मानों हड़ताली सत्र शुरू हो गया है। जूनियर डॉक्टर, नर्स अब प्रदेश के पंचायत व ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इनका भी आरोप यही है कि वर्षों से लंबित मांगो पर सरकार ध्यान ही नहीं दे रही है। ऐसे में हड़ताल पर जाना उनकी विवशता बन गई। लेकिन इन कर्मचारियों व अधिकारियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने से सूबे के सभी पंचायतों का सारा कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है।
बत दें कि इन कर्मचारियों ने इसके पहले भी एक दिन की हड़ताल कर सरकार को चेतावनी दी थी लेकिन सरकार ने कोई बातचीत नहीं की। इसके चलते उन्होंने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी। इस हड़ताल में 52 हजार गांव और 312 जनपद तथा जिलों, राज्य संवर्ग के पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। 17 घटक संगठनों ने हड़तावल का समर्थन किया है। इन संगठनों ने चेतावनी दी कि अधिकारियों कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांगों का निराकरण जल्द नहीं किया गया तो मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त मोर्चा बड़ा आंदोलन करेगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर गुरुवार से शुरू हड़ताल में मध्य प्रदेश की सभी 23,000 ग्राम पंचायतों और 312 जनपद पंचायतों के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चल गए हैं। जबलपुर में भी कर्मचारियों ने काम बंद कर जमकर नारेबाजी की। हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि वेतन वृद्धि, केंद्र समान डीए, रिटायरमेंट के बाद पेंशन समेत विभिन्न मांगों को लेकर सरकार से कई बार पत्राचार किया। लेकिन सरकार ने उनकी मांगो पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में उन्हें हड़ताल पर जाने को विवश होना पड़ा।
यहां यह भी बता दें कि इससे पहले लंबित मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चे का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के पंचायत मंत्री से मिला था। लेकिन सकारात्मक जवाब न मिलने से कर्मचारियों ने यह बड़ा कदम उठाया है। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से सरकारी कामकाज प्रभावित होने के आसार हैं। कारण ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित और क्रियान्वित होने वाली सरकारी योजनाएं फिलहाल ठप्प पड़ गई हैं।
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