बताया जा रहा है कि बिजली कंपनी ने विद्युत सुविधाओं से जुड़े मामलों में 50-70 फीसद तक की वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने दोबारा सुविधा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को भेजा है। अब इस मसले पर पांच अक्टूबर को जनसुनवाई होनी है।
बिजली मामलों के जानकार और सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल बताते हैं कि मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पहले खुद पार्टी बनकर याचिका पर सुनवाई आमंत्रित की थी, जो नियम के विपरीत था। अब पावर मैनेजमेंट कंपनी ने याचिका दायर की है, जिसके तहत बिजली उपभोक्ताओं को सुविधा के लिए 50 से 70 फीसद ज्यादा शुल्क देना पड़ सकता है। अग्रवाल बताते हैं कि बिजली कंपनी ने थोक मूल्य सूचकांक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के बढ़ने का हवाला देकर बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, जो पूरी तरह से गलत है। अग्रवाल के अनुसार एक मामले में जब 20 जुलाई को जनसुनवाई हो चुकी है, जिसमें 20 विभिन्न संगठनों ने अपत्ति भी दर्ज कराई है, ऐसे में दोबारा उसी मामले को लेकर जनसुनवाई असंवैधानिक है।
उधर पॉवर मैनेजमेंट कंपनी की याचिका तैयार करने वाले एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विद्युत प्रदाय के प्रायोजन से विद्युत लाइन प्रदाय करने अथवा उपयोग किए गए संयंत्र के लिए व्यय तथा अन्य प्रभारों की वसूली विनिमय 2009 का प्रस्ताव पुराना है, जिसे अमल में लाने का प्रयास अब किया जा रहा है। इस दौरान काफी दाम बढ़ चुके हैं जिसके लिहाज से शुल्क वृद्वि का प्रस्ताव दिया गया है।
इन सुविधाओं पर शुल्क वृद्धि का है प्रस्ताव
-घरेलू कनेक्शन
-सुविधा मौजूदा शुल्क प्रस्तावित शुल्क
-मीटर टेस्टिंग चार्ज
-सिंगल फेस 50 80
-थ्री फेस 100 170
-नाम परिवर्तन
-निम्न दाब 100 170
-पंजीकरण शुल्क
-निम्न दाब सिंगल फेस 250 420 विभिन्न सुविधा शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव संबंधी याचिका पर कोई भी व्यक्ति www.mperc.in की वेबसाइट पर जाकर याचिका का अवलोकन कर सकता है। वे अपना सुझाव और अपत्ति मप्र विद्युत नियामक आयोग को आनलाइन अथवा आयोग के भोपाल स्थित कार्यालय में पोस्ट के जरिए 30 सितंबर तक भेज सकते हैं। इस संबंध में 5 अक्टूबर 2021 को सुबह 11 बजे जनसुनवाई प्रारंभ होगी। दर्ज करवा सकता है।
“मुझे फिलहाल इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। मैंने अभी कार्यभार ग्रहण किया है।”- विवेक पोरवाल, प्रबंध संचालक मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी