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जबलपुर

कमाल है इन सांसद का गांव, सड़कें तक नहीं

गांव के लिए बनाई गई योजना में अभी तक सांसद निधि से राशि नहीं मिली है और गोद लिए गांव अभी भी बदहाल हैं।

जबलपुरMay 15, 2018 / 04:14 pm

amaresh singh

MP's village not to roads

MP’s village not to roads

कटनी । केन्द्र सरकार ने सांसदों के माध्यम से अपने क्षेत्र के गांवों को गोद लेकर उन्हें आदर्श गांव बनाने कवायद शुरू की गई थी। गांव के लिए बनाई गई योजना में अभी तक सांसद निधि से राशि नहीं मिली है और गोद लिए गांव अभी भी बदहाल हैं। ऐसी ही स्थिति जिले के बहोरीबंद ब्लॉक के देवरी ग्राम की है। जहां पर सड़क, मंगल भवन, नलजल योजना के लिए लाखों रुपये की योजना बनाई गई थी, लेकिन उसमें अमल नहीं हुआ।

मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी
खजुराहो सांसद नागेन्द्र सिंह ने देवरी गांव को गोद लिया था और उसे आदर्श गांव बनाया जाना था। मई 2017 में देवरी में कार्यक्रम में सांसद सिंह पहुंचे थे और उसे गोद लेने के साथ ही विकास कार्य कराकर आदर्श मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। अभी तक दो बार सांसद गांव गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा घोषित योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है। उस दौरान गांव की 20 सड़कों को सीसी रोड में बदलने व कच्ची रोड बनाने साथ ही दोनों ओर नालियों का निर्माण का प्रस्ताव तैयार कराया गया था। इसके अलावा एक करोड़ से अधिक की लागत से नलजल योजना का काम होना था तो 50 लाख रुपये की लागत से गांव में मंगल भवन का निर्माण भी सांसद आदर्श गांव योजना में शामिल है। गांववालों के हिसाब से अभी तक कोई काम नहीं हुए हैं जबकि अधिकारियों का कहना है कि डीपीआर में शामिल दस सड़कों का काम हो चुका है।

सड़कों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है
गांव के अंदर आवागमन को सुविधाजनक बनाने बीस सीमेंट सड़क के निर्माण कराने की घोषणा सांसद द्वारा की गई थी, लेकिन अब तक सड़कों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। इसके अलावा एक करोड़ से अधिक की नलजल योजना व 50 लाख की लागत से मंगल भवन का निर्माण कार्य भी गांव में होना है। लेकिन अब तक शुरुआत नहीं हो सकी है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में गांव की सरपंच ने कहा कि गांव में विकास के काम रुके हैं। सांसद द्वारा घोषित काम नहीं हुए हैं। न सड़क बनी हैं और न ही मंगल भवन, नलजल योजना का ही काम शुरू हो पाया है। वहीं बहोरीबंद जनपद पंचायत के सीईओ शिवानी जैन का कहना है कि गांव में डीपीआर में शामिल हुईं दस सड़कों का काम कराया गया है। राशि न आने से विकास के अन्य काम नहीं हो पाए हैं। राशि जैसे ही आती है गांव में विकास के कार्य कराए जाएंगे।
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