जबलपुर

प्रवासी श्रमिकों का सहारा बन सकते हैं ये उद्योग, मिलेगा रोजगार

कई इंडस्ट्री को श्रमिकों की जरूरत, प्रशासन को करनी होगी पहल

जबलपुरJun 09, 2020 / 07:57 pm

reetesh pyasi

टेक्सटाइल इंडस्ट्री: बुलाने से भी नहीं आ रहे मजदूर, उद्यमियों को सता रहा ऑर्डर नहीं मिलने का डर

जबलपुर । शहर में आए प्रवासी श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट है। वे अपना परिवार लेकर वापस आए हैं। इनके पास अब आय का साधन नहीं हैं। वे दूसरे बड़े शहरों में कारखाना, मिल और कंपनियों के ऑफिस में नौकरी करते थे या छोटा-मोटा व्यवसाय। यह जरिया खत्म हो गया है। अब उन्हें काम चाहिए। ऐसे में जिले के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग उनके लिए बड़ा सहारा बन सकते हैं।
12 हजार श्रमिक आए
जिले में 10 से 12 हजार प्रवासी श्रमिक आए हैं। अभी प्रशासन जो सर्वे, सत्यापन एवं पंजीयन का काम करवा रहा है, उसमें उनकी संख्या 7 हजार से ज्यादा हो चुकी है। औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा अन्य जगहों पर जिले में 9 हजार 250 से ज्यादा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का संचालन होता है।
इंडस्ट्री को श्रमिकों की जरूरत है। वे बाहर से आए श्रमिकों को रोजगार दे सकते हैं। औद्योगिक संगठन एवं उद्योगपतियों को जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों की सूची उपलब्ध कराई जाएगी।
आरसी कुरील, संयुक्त संचालक, संभागीय उद्योग कार्यालय

इंडस्ट्री में वर्कलोड बढ़ेगा तो श्रमिकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में उनकी नियुक्ति की जाएगी। हम अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सरकार को भी चाहिए कि वह छोटी इंडस्ट्री को काम दिलाए।
आरएस बंसल, उद्योगपति

प्रवासी मजदूरों की बेरोजगारी दूर करने में हम मदद करेंगे। खुद भी उन्हें रोजगार देंगे साथ ही आसपास के उद्योगपतियों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। इंडस्ट्री में आज श्रमिकों की जरूरत भी है। यह कमी प्रवासी श्रमिकों के जरिए दूर की जा सकती है।
एमके मिश्रा, उद्योगपति
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