दस को नजर आ सकता है चांद
कारीगर ताजियों को पूर्ण आकार देने में जुटे हैं। ताजियादारों के यहां कलात्मक ताजिए और सवारियां बनाई जा रही हैं। दस सितंबर 29 जिल्हज को मुहर्रम शरीफ का चांद नजर आने की उम्मीद है। पहली मुहर्रम से इस्लाम का नया साल हिजरी सन 1440 का आगाज होगा। जबलपुर में हजरत इमाम आली मुकाम के उर्स शरीफ के रूप में पर्व मनाया जाता है। मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना मुहम्मद हामिद अहमद सिद्दीकी ने कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासन से बुनियादी जरूरतें पूरी करने की गुजारिश की है।
पहली से दसवीं मोहर्रम तक कोतवाली बाजार स्थित जमात खाने में मजलिस
मुहर्रम पर्व में शिया समुदाय के लोग इमामबाड़ों में प्रतिदिन मजलिस करेंगे। दोपहर में गलगला में महिलाओं की मजलिस होगी। बोहरा समुदाय के लोग पहली से दसवीं मोहर्रम तक कोतवाली बाजार स्थित जमात खाने में मजलिस करेंगे। मुहर्रम के दौरान इमामबाड़ों में जिक्र-ए-शहादतैन के आयोजन किए जाएंगे।
सजने लगे कलात्मक ताजिये
मोहर्रम की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। मंडी मदार टेकरी में ताजिया का निर्माण किया जा रहा है। यहां कुछ परिवार इस काम में लगे हैं. इनकी कई पीढिय़ां पारंपरिक रुप से ताजिया का निर्माण करतीं आई हैं। मोहर्रम के 3 माह पहले से इन ताजियों का निर्माण कार्य शुरू हो जाता है। विशेष बात तो यह है कि बारीक कलाकृतियों को भी ये हाथ से ही तैयार करते हैं।