जबलपुर

नियमों को ठेंगा दिखा ये बिल्डर बना रहा था मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, गिरने से मरे मजदूर, अब हुआ फरार

हाईप्रोफाइल बिल्डर और बेटे की अग्रिम जमानत खारिज, प्रदेश से बाहर काट रहे फरारी
 

जबलपुरApr 26, 2018 / 11:38 am

Lalit kostha

Five Star Hotel Building Permission Suspend in Jabalpur of MP

जबलपुर. जिला अदालत ने कौशल्या माय होम्स की निर्माणाधीन बिल्डिंग ढहने के मामले में बिल्डर महेश केमतानी व उसके पुत्र आशीष केमतानी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया बिल्डिंग के चौथे माले का स्लैब लापरवाहीपूर्वक डाला जा रहा था। इसकी वजह से हादसा हुआ, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गई और पच्चीस से अधिक घायल हुए। लिहाजा घटना गंभीर है। इस टिप्पणी के साथ एडीजे सुरेश कुमार चौबे की कोर्ट ने दोनों की अर्जियां खारिज कर दी।

about- जिला अदालत ने खारिज की अर्जी, लापरवाही से डाला जा रहा था स्लैब, मामला गंभीर, आरोपितों को अग्रिम जमानत नहीं, निर्माणाधीन भवन ढहने से दो मजदूरों की मौत का मामला

यह है मामला
तिलवारा क्षेत्र के कौशल्या धाम के पास कौशल्या माय होम्स होटल की चौथी मंजिल का काम चल रहा था। बिल्डर महेश केमतानी के पास इसे बनाने का ठेका था। गत १६ अप्रैल को होटल का चौथा माला भरभराकर ढह गया। इस घटना में नीचे काम कर रहे दो दर्जन से ज्यादा मजदूर बिल्डिंग के मलबे में दब गए।

कोर्ट को अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी सुनील सोनी ने बताया कि नीचे से लकड़ी की बल्लियों के सहारे चौथे माले तक बिल्डिंग को खड़ा किया गया। इसके बाद तीसरे और चौथे माले में लोहे की बीम की ढलाई का काम किया जा रहा था। कमजोर बल्लियां बीम के भारी वजन को नहीं सह पाईं और धंसक गईं। इससे चौथे माले समेत पूरी इमारत भरभराकर नीचे आ गई और हादसा हुआ।

बयान दर्ज कराने नोटिस जारी
जबलपुर. तिलवारा में निर्माणाधीन फाइव स्टार होटल की सेंटिंग व ढांचा ढहने के मामले में बयान दर्ज कराने एसडीएम नमो शिवाय अरजरिया ने केमतानी समूह के संचालक व प्रबंधक समूह के ५ अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच जारी है, इसके तहत सभी संबंधित पक्षों को निर्देशित किया है की ७ दिन के अंदर बयान दर्ज कराएं। सूत्रों के अनुसार केमतानी समूह का संचालक दुर्घटना के बाद से फरार है।

 

इलाज में खर्च से परेशान परिजन अपाहिज भोला को ले जाएंगे घर
तिलवारा थाने के पास केमतानी ग्रुप के निर्माणाधीन होटल के गिरने के बाद तीन घंटे तक मलबे में दबा रहा मजदूर भोला गिरियाम अपाहिज हो गया। गर्दन के पास रीढ़ ही हड्डी और नस में जख्म के कारण उसके हाथ पाव काम नहीं रहे हैं। पसीना बहाकर दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाले परिजन दस दिन के इलाज में टूट गए हैं।

शहीद स्मारक गोल बाजार स्थित निजी अस्पताल में भर्ती भोला का भाई संतोष का हौसला टूट गया है। चार दिन निजी अस्पताल का खर्च उठाने में वे कर्जदार हो गए। संतोष ने बुधवार शाम रूंधे हुए गले से कहा कि साहब हम तो अकेले हैं, जिन्दगी की जंग हार गए। घटना वाले दिन अफसर और नेता आए थे पर अब कोई मदद के लिए नहीं आ रहा। मेडिकल में ऑपरेशन नहीं हुआ। निजी अस्पताल ने २.२० लाख रुपए का खर्च बता दिया। इतना नहीं हो पाएगा, कल भोला को घर ले जाएंगे।

संतोष के मुताबिक एक दिन में ८-९ हजार रूपए खर्च आ रहा है, जिसे चुकाने में ही उनका सारा पैसा खर्च हो गया। भोला की जान बचाने में शासकीय योजना की संजीवनी नहीं मिल पा रही है। हादसे में दो मजदूरों की मौत हुई और २२ घायल हुए थे।

केमतानी ग्रुप के होटल का स्लैब गिरने के हादसे की मजिस्ट्रेटियल जांच कर रहा हूं। घायल के इलाज में कलेक्टर मदद कर सकती हैं।
– नमो शिवाय अरजरिया, एसडीएम जबलपुर

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