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यहां की गलियों से हवा निकलने की जगह नहीं, आग भड़की तो फायर ब्रिगेड वाले ताकते ही रहेंगे

locationजबलपुरPublished: Dec 10, 2019 06:25:37 pm

Submitted by:

shyam bihari

बहुमंजिला भवनों में नेशनल बिल्डिंग कोड की अनदेखी

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यह है स्थिति

-150 से ज्यादा बहुमंजिला व्यावसायिक भवन
-15 मंजिल से भी ज्यादा ऊं चे भवनों का हो रहा है निर्माण
-225 रहवासी बहुमंजिला भवन

इन रिहायशी इलाकों में कारखाने
-30 से ज्यादा अमखेरा गोहलपुर
-43 के लगभग कारखाने अधारताल में
-25 के लगभग कारखाने मदनमहल- मेडिकल मार्ग पर
-200 से ज्यादा टिम्बर कारखाने मदनमहल-गंगा सागर, गुलौआ क्षेत्र में

जबलपुर। तंग गलियों में ऊं ची इमारतें तान दी गईं। ऊ पर से संकरे कमरे, एक दरवाजे वाले हॉल और आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम भी नहीं है। यादव कॉलोनी, विजय नगर, मदन महल, राइट टाउन, नेपियर टाउन, सिविल लाइंस, गढ़ा, अधारताल, रांझी में संचालित शिक्षण संस्थाओं से लेकर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स व बहुमंजिला रिहायशी भवनों का एक जैसा हाल है। ज्यादातर परिसर में अंडर ग्राउंड पार्र्किंग का भी व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। बहुमंजिला इमारतों में नेशनल बिल्डिंग कोड के बेसिक फार्मूला एंट्रेंस व एग्जिट अलग रखने से सम्बंधित नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। जबकि, बहुमंजिला भवनों में आग लगने की घटनाओं में कई बार शहर दहल चुका है। ऊ पर से रिहायशी इलाकों में संचालित कारखानों के कारण कदम-कदम पर अग्नि दुर्घटना का खतरा है। सूरत के कोचिंग सेंटर में हुई अग्नि दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन व नगर निगम ने कुछ दिन सक्रियता दिखाई थी। राजस्व विभाग व निगम के दमकल अमले ने बड़ी संख्या में बहुमंजिला भवनों को जांच की। शहर के बहुमंजिला भवनों मेंं जांच शुरू की गइ थी। लेकिन भवन मालिक व कोचिंग संचालकों को नोटिस जारी करने से इतर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
17 मंजिल तक ऊं चे भवनों का निर्माण
शहर में बहुमंजिला इमारतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। निगम व टीएंडसीपी की अनुमति पर नगर में 17 मंजिल तक ऊं चे भवन का निर्माण हो रहा है। लेकिन दमकल अमला 6 मंजिल की ऊं चाई तक ही आग बुझाने में सक्षम है। ऐसे में निगम के बेड़े में आधुनिक टीटीएल लैंडर को शामिल करने की दरकार है, जो हर प्रकार की चुनौती से निपटने में सक्षम हो। पिछले तीन साल में नए वाटर वाउजर खरीदे गए। लेकिन अभी भी टीटीएल लैंडर जैसे उपकरणों की कमी महसूस की जा रही है।
कोचिंग पर नजर
असाटी क्लासेस गोरखपुर, पाल कोचिंग गोरखपुर, सुरभि क्लासेस गोरखपुर, एटूजेड कोचिंग गढ़ा, एडुबेस कोचिंग गढ़ा, नाहटा प्रोफे शनल राइट टाउन,निदान एजुकेशन एंड स्किल ट्रेनिंग राइट टाउन,करियर आईएएस राइट टाउन, दीपिका क्लासेस राइट टाउन का नोटिस जारी किया गया।
मल्टी स्टोरी पर नजर
जेडीए मुख्यालय, मनीष मेसर्स सदर, दुर्गा प्रसाद बुधरानी नर्मदा रोड, नरेंद्र विश्वकर्मा आगा चौक, अम्बिका चरण दीक्षित दयानंद सरस्वती वार्ड, जेडीए ब्लॉक नं 7 ए त्रिपुरी वार्ड, एनएम ऑटो पाट्र्स अधारताल, पवन जायसवाल सिविल लाइन, आरएनके एजुकेशन सोसायटी मदनमहल, आर्मी वेलफे यर आर्गेनाइजेशन रिज रोड, आलोक मिश्रा एंड एसोसिएट असीम प्लाजा सिविल लाइन, ममता पाठक त्रिपुरी वार्ड, सुनीह अहूजा सैनिक सोसायटी, मेसर्स केमतानी त्रिपुरी वार्ड, कल्याणिका प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स ओजस इम्पीरिया, एवलिन हाइड, मसर्स मंगलन टावर, एमपी केसरवानी अधारताल, सौरभ शर्मा नेपियर टाउन, राजेश नंदवानी गोरखपुर, नितिन कुमार आदर्श नगर, एसएएफ बटालिया कमांडेंट रांझी, दीपक अरोरा सिविल लाइन, मेसर्स दुबे कं स्ट्रक्शन आदर्श नगर, सेकें डरी न्यू एकेडमी एजुकेशन स्कूल सोसायटी चेरीताल, मेसर्स मधु आनंद कालोनी उखरी, जितेंद्र विश्वकर्मा डिफें स कॉलोनी सिविल लाइंस, राकेश बड़ेरिया राजेन्द्र प्रसाद वार्ड, मेसर्स जबलपुर एंटरटेनमेंट, शंकर लाल मंछानी नेपियर टाउन, मेसर्स सिग्मा बिल्डकॉन मुजावर मोहल्ला समेत अठहत्तर बहुमंजिला भवन संचालकों पर नजर हैं।
कलेक्टरभरत यादव ने कहा कि संकरी गलियों में संचालित कारखाने-गोदाम चिन्हित कर उन्हें रिहायशी इलाकों से बाहर करने के लिए आवश्यक कार्रवाई और बहुमंजिला भवनों के निरीक्षण व उनमेंं फायर फाइटिंग के आवश्यक संसाधन सुनिश्चित कराने निर्देशित किया है। फायर अधीक्षक कुशाग्र सिंह ठाकुर का कहना है कि बहुमंजिला भवनों के निर्माण में फायर संबंधी एनओसी 2012-13 से भोपाल स्तर पर दी जाने लगी है। स्थानीय दमकल विभाग के पास भवनों के औचक निरीक्षण का अधिकार भी नहीं है। बहुमंजिला भवनों में फायर फाइटिंग संबंधित आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराने को लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर कार्रवाई शुरू की थी। इस दौरान संबंधित भवन मालिक व कोचिंग संचालकों को नोटिस जारी किए गए थे।

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