Murder : नशे की वसूली गैंग ने की यूपी के मजदूर की हत्या, अधिकारियों के लिए रूटीन क्राइम
घटना में पुलिस व्यवस्था की पोल खुल गई है। रेलवे स्टेशन की चौक चौबंद सुरक्षा का दावा करने के बाद अब अधिकारी यह नहीं बता पा रहे हैं कि घटना के वक्त स्टेशन पर किन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी।
Murder : शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन नशे की वसूली गैंग के कब्जे में है। शनिवार को यूपी के मजदूर की हत्या इसी ने की थी। पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ा है। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है। जबकि मुख्य आरोपी फरार है और उस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। इस घटना में पुलिस व्यवस्था की पोल खुल गई है। रेलवे स्टेशन की चौक चौबंद सुरक्षा का दावा करने के बाद अब अधिकारी यह नहीं बता पा रहे हैं कि घटना के वक्त स्टेशन पर किन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी।
Murder : नाबालिग सहित तीन को पकड़ा, अधिकारियों को नहीं पता रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में किसकी तैनाती
Murder : अधिकारी रूटीन क्राइम की तरह ले रहे
हैरानी की बात यह है कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 6 पर बड़ी एंट्री है और हजारों की संख्या में लोग हर दिन आते-जाते हैं। यहीं पर दिनदहाड़े हुई नृशंस हत्या को अधिकारी रूटीन क्राइम की तरह ले रहे हैं। आरोपियों को पकडऩे का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन किसकी चूक से एक जान गई यह पता लगाने की कोशिश तक नहीं की गई। किसी अफसर या जवान की जिम्मेदारी तय नहीं हुई। थाने से लेकर अफसर तक यह बताने तैयार नहीं हो रहे है कि जहां वारदात हुई, वहां किसकी तैनाती थी या कौन अफसर या जवान वहां पेट्रोलिंग के लिए गया था।
Murder : स्टेशन अपराधियों का ठिकाना
पुलिस का दावा है कि आरोपियों की पहचान सीसीटीवी से की गई। ओमती निवासी विवेक लोधी उर्फ विक्की, लाल स्कूल गुरंदी निवासी राहुल सोनकर के द्वारा हमला किए जाने की पुष्टि होने पर गिरफ्तार कर लिया। इनके साथ रहा 17 वर्षीय नाबालिग को भी पकड़ गया है। वहीं, मुख्य आरोपी मूसा उर्फ धनराज फरार हो गया है। इन तीनों आरोपियों पर पहले से ही अलग-अलग थानों में मुकदमें दर्ज हैं। लेकिन यह खुलेआम घूम रहे थे। रेलवे स्टेशन को उन्होंने ठिकाना बना रखा था।
Murder : अब भी नहीं लगा प्वॉइंट
वारदात के बाद भी पुलिस की आंख नहीं खुली। न तो वहां किसी प्रकार का कोई फिक्स प्वाइंट लगाया गया और न ही किसी की तैनाती की गई। खानापूर्ति के लिए 24 घंटे में चंद बार पेट्रोलिंग का वाहन वहां पहुंच रहा है। पहले ऐसी गंभीर वारदातों के बाद आला अफसर मातहतों की जिम्मेदारी तय करते थे। जवाब मांगा जाता था कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि जिस कारण वारदात हुई। पेट्रोलिंग और चीता में तैनात अधिकारियों और जवानों को भी नहीं बख्शा जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय से यह प्रक्रिया बंद है।
Murder : भांजे को बचाने आए मामा को मारा था चाकू
सिविल लाइन टीआइ नेहरू सिंह खण्डाते के अनुसार सीसीटीवी में रेकॉर्ड हुई वारदात के मुताबिक उत्तरप्रदेश के बांदा निवासी चंद्रभान रैदास नाबालिग भांजे के साथ शुक्रवार को जैसे ही स्टेशन से बाहर निकला था तो बाइक सवार आरोपियों ने भांजे को पकड़ लिया और पैसे छीनने लगे। चंद्रभान भांजे को बचाने के लिए आगे आए और हमलावरों से भिड़ गए थे, तभी आरोपियों ने चाकू से हमला कर दिया।
Murder : नशे के खिलाफ कार्रवाई नहीं
इस वारदात के बाद यह साबित हो गया कि आरोपी नशे की लत को पूरा करने के लिए वारदात को अंजाम देते हैं। इसके बावजूद रेलवे स्टेशन के बाहर खुलेआम नशा करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि थाने से लेकर अफसरों तक को यहां के हालात के बारे में पता है। पर सुरक्षा के लिए किसी प्रकार की कोई कवायद नहीं की जाती। प्लेटफार्म से बाहर निकलने के बाद यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है। पुलिस और दुकान संचालकों का गठजोड़ ऐसा है कि रात साढ़े 11 बजे से देर रात तक यहां दुकानें गुलजार रहती हैं। पुलिस खानापूर्ति की कार्रवाई कर लौट जाती है।