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murder- नाबालिग का किया अपहरण, फिर ऐसे की हत्या कि देखने वालों की रूह कांप उठी

locationजबलपुरPublished: Sep 02, 2017 12:15:00 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

ग्वारीघाट बॉबी हत्याकांड के 2 दोषियों की फांसी की सजा पर हाइकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक, सुको में अपील दायर करने की दी अनुमति

murder- kidnapped of boy then murdered

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जबलपुर। ग्वारीघाट क्षेत्र में रहने वाला 15 वर्षीय बालक 26 मार्च, २०१३ को होलिका दहन देखने के लिए घर से गया। लेकिन उसके बाद वह फिर घर नहीं लौटा। करीब एक सप्ताह बाद जब बॉबी की हत्या की कहानी सामने आयी तो सभी की रूह कांप गई। बॉबी एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था। उसकी जान पहचान का ही एक परिवार उसकी संपन्नता के कारण मन ही मन उसके प्रति द्वेष रखने लगा। इस परिवार के कुछ सदस्यों ने मिलकर एक दिन फिरौती के लिए बॉबी के अपहरण के साजिश रची।
बॉबी को होलिका दहन देखने और घूमने के बहाने रात के वक्त फोन करके बुलाया। जब बॉबी आया तो उसे कुछ देर तक घुमाया और फिर अपहरण कर लिया। फोन करके बॉबी की मां से फिरौती मांगी। जब मुंहमांगी रकम नहीं मिली तो नाबालिक की नृशंस हत्या कर दी गई। इस मामले की शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने हत्या के दो अपराधियों की फांसी की सजा को स्थगित कर दिया है। जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस एचपी सिंह की डिवीजन बेंच ने दोनों को सुको में अपील करने की अनुमति देते हुए यह निर्देश जारी किए।
खंदानी नाला में बोरे में मिला शव
अभीयोजन के अनुसार 26 मार्च 2013 की रात को ग्वारीघाट क्षेत्र निवासी 15 वर्षीय बालक अजीत सिंह आनन्द उर्फ बॉबी होलिका दहन देखने घर से गया और लापता हो गया। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने आरोपी राजेश उर्फ राकेश यादव को पकड़ा तो उसने सारी कहानी बयान कर दी। राजेश की निशानदेही पर 29 मार्च को खंदारी नाले से बोरे में भर कर फेंका गया बॉबी का शव बरामद किया। उसके कथन पर उसके भतीजे राजा यादव व ओमप्रकाश यादव को भी गिरफ्तार किया गया।
50 लाख रुपए की फिरौती मांगी
आरोपियों ने कुबूल किया कि उन्होंने 50 लाख रु की फिरौती मृतक की मां से मांगी थी। फिरौती की रकम न मिलने पर बालक का गला रेत कर मार डाला। बॉबी के शव के हाथ से बालों का गुच्छा मिला था। डीएनए टेस्ट में ये बाल राजेश के पाए गए। जिला अदालत ने 29 दिसम्बर 2016 को चाचा-भतीजे राजेश व राजा यादव तथा ओमप्रकाश को हत्या और अपहरण के अपराध का दोषी पाया। कोर्ट ने राजेश व राजा को फांसी की सजा सुनाई। जबकि ओमप्रकाश को आजीवन कारावास से दण्डित किया गया।
डेथ वारंट जारी करने पर रोक
डेथ वारंट जारी करने पर भी रोक जानकारी के अनुसार 10 अगस्त को हाइकोर्ट ने दोनों अपराधियो को दी गयी फांसी की सजा की पुष्टि कर दी थी। हाइकोर्ट व जिला अदालत के उक्त आदेशों के खिलाफ दोनों अपराधियों की ओर से आवेदन दायर कर सुको में अपील पेश करने की अनुमति मांगी गई। बेंच ने आग्रह स्वीकार कर दोनों को अपील की इजाजत दे दी। साथ ही दोनों के डेथ वारंट जारी करने पर भी फिलहाल रोक लगा दी।

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